लखीमपुर खीरी: घाघरा की हाहाकारी लहरें मचा रहीं तबाही, एक दिन में समेटे 13 घर

धौरहरा(लखीमपुर खीरी), अमृत विचार। धौरहरा तहसील क्षेत्र में कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। घाघरा की हाहाकारी लहरें कृषि योग्य भूमि सहित आबादी का कटान करती हुई आगे बढ़ रही है। बाढ़ खण्ड बचाव के नाम पर हवा में हाथ पैर मार रहा है। जबकि तहसील प्रशासन राहत के नाम पर हवा हवाई …
धौरहरा(लखीमपुर खीरी), अमृत विचार। धौरहरा तहसील क्षेत्र में कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। घाघरा की हाहाकारी लहरें कृषि योग्य भूमि सहित आबादी का कटान करती हुई आगे बढ़ रही है। बाढ़ खण्ड बचाव के नाम पर हवा में हाथ पैर मार रहा है। जबकि तहसील प्रशासन राहत के नाम पर हवा हवाई दावे कर रहा है।
रमियाबेहड़ इलाके के बाछेपारा गांव में घाघरा नदी रौद्र रूप धारण कर कटान कर रही है। घाघरा नदी बाछेपारा सहित आसपास के गांवों को कटान से बचाने के लिए करोड़ों की लागत से बनाई जा रही परियोजना का कटान कर आगे बढ़ रही है।
घाघरा नदी ने बाछेपारा में शुक्रवार को कटान कर कन्हैया लाल, संदीप कुमार, कृपाली, नौरत, बालक, रामकुमार, मेवेलाल, सुशील, श्रीराम, मोतीलाल, जगमोहन, रामेश्वर, मनीराम आदि 13 घरों को काट कर आगे बढ़ गई है। रौद्र रूप धारण किए घाघरा नदी की जद में धीरज, संतोष, प्रेमलाल, अच्छेलाल, प्रसादी, राकेश, बावर, सत्यनाम, अमेरिका, लक्ष्मी नारायण, श्रीराम, अजय, देशराज, सर्वेश, मैकूलाल आदि लोगों के घर आ गए हैं।
घाघरा नदी का रौद्र रुप देखकर लोग दहशत में है। ग्रामीण अपने खून पसीने की कमाई से बनाए गए घरों को अपने आप तोड़ रहे हैं। शुक्रवार को कटे 13 घरों के बाद अब-तक घाघरा नदी ने बाछेपारा गांव में कुल 97 घरों का कटान कर लिया है। कटान सड़कों किनारे खुले आसमान तले अपना गुजारा कर रहे हैं। जबकि तहसील प्रशासन राहत सामग्री पहुंचाने का दावा कर रहा है।
एसडीएम धौरहरा रेनू ने कहा कि कटान पीड़ितों की जांच कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। राहत किट आने व बजट मिलने के बाद सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। दो दिनों से भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है उससे पहले सभी के भोजन की व्यवस्था की जा रही थी ।