अमेठी: मरीज के परिजनों ने जिला अस्पताल में काटा जमकर हंगामा, जानें वजह?

अमेठी: मरीज के परिजनों ने जिला अस्पताल में काटा जमकर हंगामा, जानें वजह?

अमेठी। जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते तीमारदारों ने जमकर हंगामा काटा। इलाज में लापरवाही किए जाने से नाराज तीमारदारों ने इमरजेंसी कक्ष में जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद चिकित्सकों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। यह पूरा मामला अमेठी जिले का है, …

अमेठी। जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते तीमारदारों ने जमकर हंगामा काटा। इलाज में लापरवाही किए जाने से नाराज तीमारदारों ने इमरजेंसी कक्ष में जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद चिकित्सकों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। यह पूरा मामला अमेठी जिले का है, जहां जिला चिकित्सालय में सोंगरावा गांव के लोग एक मरीज को पथरी का इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर आए। पथरी से पीड़ित मरीज के पेट में असहनीय दर्द हो रही थी। अस्पताल की आपातकालीन सेवा में कोई चिकित्सक न मिलने पर तीमारदार झल्ला गए। मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा काटना शुरू कर दिया।

नाराज परिजनों ने हॉस्पिटल में किया तोड़-फोड़

बताया जा रहा है की इलाज में चिकित्सकों द्वारा देरी होने से नाराज परिजनों ने अस्पताल में जम कर तोड़ फोड़ किया। एमजेंसी वार्ड में तोड़ फोड़ के बाद टूटी हई कुर्सी और मेज पड़ी है। वहीं अस्पताल कर्मचारियों और तीमारदारों के बीच गाली गलौज भी हुई है। जिसके बाद मामले की सूचना मिलने पर गौरीगंज पुलिस मौके पर पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने मामले को शांत कराया।

नाराज परिजनो ने मेज और दरवाजे की शीशे तोड़े
वहीं थाना प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने बताया कि अस्पताल में तोड़ फोड़ के मामले में दो लोगों को थाने लाकर कार्यवाही की जा रही है।

इंजेक्शन से तत्काल आराम ने मिलने पर परिजनों ने किया बवाल

मुख्य चिकित्साधिकारी आशुतोष दुबे ने बताया कि एक मरीज आया जो किडनी में पेट के दर्द से पीड़ित था। उनके साथ भी कुछ लोग थे। उनको तुरंत यहां अटेंड किया गया। उनके कहने पर ही इलाज करने के लिए डॉक्टर नीरज वर्मा को बुलाया गया। उनकी शिकायत यह थी कि दवा इंजेक्शन देने के बाद तुरंत आराम क्यों नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि जबकि ऐसे मामले में कभी कभी तुरंत आराम नहीं होता है। उनका आरोप था कि तुरंत आराम क्यों नहीं हुआ। हो सकता है अपने मरीज को देख कर उन लोगो की मानसिक स्थिति ठीक ना रही हो परेशान रहे हो। इस लिए तैश में आकर पहले रजिस्टर फाड़ कर फेंके फिर अस्पताल की मेज पर लात मारे। उसके बाद उसी मेज को उठाकर दरवाजे पर फेक दिए। जिससे दरवाजे के शीशे टूट गए।

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