आदित्य ठाकरे ने कहा- मुंबई की आरे कालोनी में वन्यजीव एवं जैव विविधता के संरक्षण की जरूरत
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि शहर में वन्यजीव और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए 808 एकड़ क्षेत्र को जंगल के रूप में आरक्षित …
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि शहर में वन्यजीव और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए 808 एकड़ क्षेत्र को जंगल के रूप में आरक्षित किया गया था। ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नयी राज्य सरकार (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) से अपील करता हूं कि वह हमारे खिलाफ गुस्सा मुंबई पर न निकाले।’’
उन्होंने कहा कि पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार, जिसमें उन्होंने पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में काम किया था, ‘‘मुंबई समर्थक, महाराष्ट्र समर्थक और सतत विकास की समर्थक थी।’’ गोरेगांव पश्चिमी उपनगर स्थित आरे वन को प्राय: शहर का ‘फेफड़ा’ कहा जाता है जहां बड़ी संख्या में तेंदुए सहित वनस्पतियों और जीवों की लगभग 300 विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। हरित कार्यकर्ता आरे में कार शेड के लिए पेड़ काटने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में राज्य के महाधिवक्ता और प्रशासन को पूर्वी उपनगर कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। कांजुरमार्ग का चयन पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने किया था। आदित्य ठाकरे ने रविवार को आरे में मेट्रो कार शेड के खिलाफ पर्यावरणविदों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
परियोजना को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने के पिछली सरकार के फैसले पर, शिवसेना नेता ने कहा, “हम वन्यजीव और जैव विविधता को संरक्षित करना चाहते थे। हमने आदिवासी बस्तियों को मान्यता दी और साथ ही, आरे में एक भी पेड़ को छुए बिना सड़कों को कंक्रीट का बनाने पर काम किया।’’ उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार गिरने से पहले वह कांजुरमार्ग के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश कर रही थी।
पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘कांजुरमार्ग कार शेड मेट्रो लाइन 3, 6, 4 और 14 की जरूरतों को पूरा करता। हम 8,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये बचाते।’’ उन्होंने कहा कि एक कार शेड दैनिक उपयोग के लिए नहीं होता, बल्कि हर चार से पांच महीने में रखरखाव के लिए होता है।
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