मुख्तार अंसारी को पहले ही दिख गई थी अपनी मौत, बाराबंकी कोर्ट में दिया था प्रार्थनापत्र, जेल में धीमा जहर देने की कही थी बात
बाराबंकी। बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है। हार्ट अटैक के बाद मुख्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि पिछली पेशी की दौरान मुख्तार अंसारी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर नहीं हुआ था। बल्कि उसने अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के द्वारा कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिलवाया था। जिसमें उसने जेल के खाने में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था।
-मुख्तार अंसारी की तरफ से कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है। जिससे उसकी तबीयत काफी गंभीर हो गई है और ऐसा लगता है कि उसकी कभी भी मौत हो जायेगी। प्रार्थना पत्र में मुख्तार अंसारी ने इसे बड़ा षड्यंत्र बताते हुए अदालत से इलाज करवाने और मेडिकल बोर्ड का गठन करके जांच करने की गुहार लगाई थी। बाराबंकी की एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर मामले की पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने उसका प्रार्थना पत्र अदालत को सौंपा था।
-बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की फर्जी एंबुलेंस मामले में पेशी हुई थी। पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें मुख्तार अंसारी की तरफ से लिखा गया था कि साहब 19 मार्च की रात उसे खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया। जिसकी वजह से उसकी तबीयत खराब हो गई। ऐसा लग रहा है कि उसका दम निकल जाएगा। उसके बाद से उसे बहुत ज्याद घबराहट हो रही है। जबकि इससे पहले उसका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक था। इसलिये कृपया डाक्टरों की टीम बनाकर सही से इलाज करवा दें।
40 दिन पहले भी उसने इसी तरह खाने में विषाक्त प्रदार्थ मिलाकर देने का आरोप लगाया था। पेशी के दौरान बांदा जेल से मुख्तार अंसारी वर्चुअल पेशी में हाजिर नहीं हुआ था। उसकी जगह जेल के डिप्टी जेलर महेंद्र सिंह हाजिर हुए। पेशी के दौरान उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि मुख्तार अंसारी बीमार है। जिसकी वजह से वह सुनवाई में पेश होने में असमर्थ है। कोर्ट ने 29 मार्च की तारीख लगा दी थी, लेकिन अब उसकी मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि फर्जी एंबुलेंस मामले में 24 मार्च 2022 को तत्कालीन डीएम ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर केस को मंजूरी दी थी। इसके बाद 25 मार्च 2022 को तत्कालीन शहर कोतवाल ने मुख्तार अंसारी व उसके 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद इस मामले का ट्रायल एमपीएमएलए कोर्ट में हो रहा था।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) March 28, 2024
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