शिमला में पानी की समस्या हुई विकराल, गंदा पानी पीने को मजबूर लोग
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में पानी की समस्या विकराल होने के कारण लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है और वे सड़कों पर उतर आये हैं। शहर में तीन दिन बाद जलापूर्ति की जा रही है जिससे भीषण गर्मी में लोग पानी को तरस रहे हैं। शहर के लोग इसके लिए …
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में पानी की समस्या विकराल होने के कारण लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है और वे सड़कों पर उतर आये हैं। शहर में तीन दिन बाद जलापूर्ति की जा रही है जिससे भीषण गर्मी में लोग पानी को तरस रहे हैं। शहर के लोग इसके लिए नगर निगम की लचर प्रणाली और शिमला जल प्रबंधन निगम की वितरण प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कुछ इलाकों में तो बेचारे लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हो गये हैं।
पानी की दिक्कत को लेकर भीम आर्मी एकता मिशन के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता रवि दलित और शहर के अन्य लोग आज महापौर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी की यदि शहर के लोगों को प्रतिदिन पानी नहीं मिलता हैं तो वे केन्द्रीय मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे। दलित ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम ने शहर का पानी निजी कंपनी को सौंप दिया है जिसके बाद होटलों को तो पानी मिल रहा है लेकिन जनता पानी के लिए तरस रही।
प्रदेश में 24 घंटे पानी देने के भाजपा के दावे खोखले साबित हुए हैं। निजी कंपनी पानी का सही वितरण शहर वासियों को नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा की लोगों को पानी की समस्या से जूझना न पड़े इसके लिए 24 घंटे पानी देना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो वह शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर के बाहर धरने पर बैठ जायेंगे।
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