वाराणसी: पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार

वाराणसी: पंचकोसी परिक्रमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगी योगी सरकार

वाराणसी। सनातन धर्म में खास महत्व रखने वाली पंचकोसी यात्रा को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काशी के ज्योतिर्लिंगाकार परिक्रमा पथ को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए मंदिरों, कुंडों और यात्री निवास का सुंदरीकरण कराने जा रही है। सरकार का दावा है कि लगभग 70 किलोमीटर की इस धार्मिक मार्ग …

वाराणसी। सनातन धर्म में खास महत्व रखने वाली पंचकोसी यात्रा को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काशी के ज्योतिर्लिंगाकार परिक्रमा पथ को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए मंदिरों, कुंडों और यात्री निवास का सुंदरीकरण कराने जा रही है। सरकार का दावा है कि लगभग 70 किलोमीटर की इस धार्मिक मार्ग के विकास से रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर उपलब्ध होंगे। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि करीब 70 किलोमीटर की पंचकोसी यात्रा को श्रद्धालु नंगे पांव करते हैं। इसके पांच पड़ाव कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचों पांडव व कपिलधारा हैं।

पांच दिन की यात्रा में एक-एक रात्रि विश्राम का विधान है। इसके अलावा इस धार्मिक मार्ग पर मंदिर, कुंड, तालाब और यात्री निवास स्थल हैं। पंचकोसी परिक्रमा की खास बात यह है कि इस यात्रा में सभी धार्मिक स्थल दाहिने तरफ स्थित हैं। योगी सरकार ने पंचकोशी यात्रा को आसान करने के लिए इस धार्मिक मार्ग के सम्पूर्ण विकास की योजना बनाई है। इससे लोग सालभर इस धार्मिक यात्रा को कर सकेंगे। साथ ही लोगों को इसके महत्व का पता चल सकेगा।

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सरकार पंचकोसी मार्ग पर कई तरह के आयोजनों के करने की योजना बनाई है। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और नए व्यवसाय के अवसर मिलेंगे। इससे वेलनेस सेंटर, रिसॉर्ट, होटल के अलावा पर्यटन सम्बंधित व्यवसाय को गति मिलेगी। वहीं, वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस प्रदिक्षणा यात्रा के दौरान 108 मुख्य मंदिरों, 44 धर्मशाला ( तीर्थयात्री आश्रयों या रात्रि विश्राम) और कुंड पड़ते हैं।

कुओं और चौपाल संरचनाओं का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। पड़ावों में ऐतिहासिक महत्व के सभी कुंडों को सजाया संवारा जाएगा। खुले स्थान या कथा स्थल में उद्यानों को लैंडस्केपिंग के माध्यम से खूबसूरत बनाया जाएगा। पड़ावों या मंदिरों के आसपास अस्थायी आश्रयों या बैठने की सुविधाओं का विकास होगा। जिससे श्रद्धालुओं को आरामदायक जगह मिलेगी। इसके अलावा पंचकोसी तीर्थ श्रद्धालुओं को मार्ग पर साइनेज मिलेगा, जो उनको रास्ता दिखाएगा। पंचकोसी मार्ग के सभी धार्मिक स्थलों पर और पड़ाव पर उससे सम्बंधित पूरी जानकारी लिखी होगी