‘रुपया नहीं गिर रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है’ अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब
वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर वॉशिंगटन डीसी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 24 द्विपक्षीय बैठकें हुईं। इसके अलावा सचिवों और मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अपने समकक्षों के साथ 25 बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि भारतीय रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना …
वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर वॉशिंगटन डीसी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 24 द्विपक्षीय बैठकें हुईं। इसके अलावा सचिवों और मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अपने समकक्षों के साथ 25 बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि भारतीय रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है। लेकिन दूसरी मार्केट करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम क्रिप्टोकुरेंसी से संबंधित मामलों पर जी20 के दौरान चर्चा चाहते हैं ताकि जी20 के सदस्य इस पर चर्चा करके वैश्विक स्तर पर एक ढांचे या एसओपी बनाने की दिशा में बढ़ सकें। तकनीकी रूप से संचालित नियामक ढांचा तैयार किया जा सकता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने कई G20 सदस्यों के साथ द्विपक्षीय चर्चा की है … हम ऐसे समय में अध्यक्षता कर रहे हैं, जब बहुत सारी चुनौतियां हैं, हमें अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करना होगा, इससे हम सर्वोत्तम तरीके से नेविगेट कर सकते हैं।
अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब- रुपया नहीं गिर रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है pic.twitter.com/2Vfrki0Iav
— Amrit Vichar (@AmritVichar) October 16, 2022
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की हाल में संपन्न सालाना बैठकों में भारत समेत कई देशों ने विकसित देशों के राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों के ‘वैश्विक’ प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने यहां अपनी बैठकों के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
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इस सप्ताह की शुरुआत में सीतारमण ने कहा था कि निकट भविष्य में विकसित देशों को अपने राजनीतिक और आर्थिक फैसलों के वैश्विक प्रभाव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और महज अपने लोगों के नैतिक और लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय सुरक्षा उपाय करने चाहिए। उनकी यह टिप्पणियां ऐसे वक्त में आयी है जब अमेरिका की अगुवाई में पश्चिम देशों ने रूस से तेल का आयात कम कर दिया है और वह अन्य देशों को भी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने रूस से तेल खरीदा तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
सीतारमण ने शनिवार को यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूहों के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय बैठकों के दौरान भी यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, मैंने किसी एक मंत्री या उनकी प्रतिक्रिया पर गौर नहीं किया लेकिन मैंने यह कहा। संयोग से एक अलग बैठक में मुल्यानी (इंद्रावती, इंडोनेशिया के वित्त मंत्री) ने भी यह मुद्दा उठाया। शायद एक या दो देशों ने भी यह मुद्दा उठाया। अगर मैं गलत नहीं हूं तो संभवत: नाइजीरिया के वित्त मंत्री ने भी आवाज उठायी। सीतारमण 11 अक्टूबर से अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। आईएमएफ तथा विश्व बैंक की सालाना बैठकों में भाग लेने के अलावा उन्होंने यात्रा के दौरान कई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
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