ट्यूना घोटाला : सांसद के रिश्तेदार ने भुगतान किए बिना विदेशी कंपनी को मछलियां निर्यात किया

नई दिल्ली। लक्षद्वीप की सहकारी संस्था एलसीएमएफ से एक श्रीलंकाई कंपनी द्वारा ट्यूना मछली की खरीद में जनता के पैसे के दुरुपयोग से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक लोकसभा सदस्य के रिश्तेदार अब्दुल रज्जाक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई …
नई दिल्ली। लक्षद्वीप की सहकारी संस्था एलसीएमएफ से एक श्रीलंकाई कंपनी द्वारा ट्यूना मछली की खरीद में जनता के पैसे के दुरुपयोग से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक लोकसभा सदस्य के रिश्तेदार अब्दुल रज्जाक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने केंद्र-शासित क्षेत्र प्रदेश के सतर्कता विभाग के साथ मिलकर किए गए औचक निरीक्षण के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें घोटाले से जुड़े कागजात भी शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, डीआईजी रैंक के एक अधिकारी के अधीन 25 अधिकारियों के एक दल ने द्वीप समूह में डेरा डालकर जांच किया। जनप्रतिनिधियों और लोकसेवकों ने मिलकर ट्यूना मछली के निर्यात में सहायता की। एलसीएमएफ के जरिये स्थानीय मछुआरों से ट्यूना मछली खरीदी गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 400 रुपये प्रति किलोग्राम है। अधिकारियों के अनुसार, इसके बाद मछलियों को कोलंबो स्थित एक कंपनी ‘एसआरटी जनरल मर्चेंट्स’ को बेचा गया, जिसका प्रतिनिधित्व रज्जाक करते हैं।
इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के स्थानीय सांसद और रज्जाक के रिश्तेदार मोहम्मद फैजल भी सीबीआई जांच के घेरे में आ सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा, “आरोप है कि लक्षद्वीप के जनप्रतिनिधि का एक रिश्तेदार विदेश में स्थित कंपनी का प्रतिनिधि है। उक्त जनप्रतिनिधि के प्रभाव के कारण एलसीएमएफ ने ट्यूना मछली खरीदी और बाद में विदेशी कंपनी को निर्यात किया।”
अधिकारियों के मुताबिक, एजेंसी को पता चला है कि मछली के निर्यात की मंजूरी निविदा की प्रक्रिया को दरकिनार कर जनप्रतिनिधि और लोकसेवकों के प्रभाव के चलते दी गई। उन्होंने बताया कि आरोप है कि एसआरटी जनरल मर्चेंट्स ने एलसीएमएफ को कोई भुगतान नहीं किया, जिसकी वजह से स्थानीय मछुआरों और एलसीएमएफ को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
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