गांजे के खेत की रोशनी से गुलाबी हुआ आसमान, सामने आईं ये तस्वीरें, आपने देखीं ?

गांजे के खेत की रोशनी से गुलाबी हुआ आसमान, सामने आईं ये तस्वीरें, आपने देखीं ?

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के मिल्डूरा टाउन में बुधवार रात आसमान गुलाबी हो गया जिसकी तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं। कैन ग्रुप नामक फार्मास्युटिकल कंपनी ने बताया कि रोशनी उसके गांजे की फेसिलिटी (खेत) से आ रही थी जहां ब्लैकआउट ब्लाइंड्स खुले रह गए थे। कंपनी के सीनियर कम्युनिकेशन मैनेजर ने कहा, गांजे के पौधों को…विकास…के लिए …

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के मिल्डूरा टाउन में बुधवार रात आसमान गुलाबी हो गया जिसकी तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं। कैन ग्रुप नामक फार्मास्युटिकल कंपनी ने बताया कि रोशनी उसके गांजे की फेसिलिटी (खेत) से आ रही थी जहां ब्लैकआउट ब्लाइंड्स खुले रह गए थे।

कंपनी के सीनियर कम्युनिकेशन मैनेजर ने कहा, गांजे के पौधों को…विकास…के लिए विभिन्न प्रकार का प्रकाश चाहिए…होता है।

गौरतलब है कि बीते दिनों अंटार्कटिका में लोगों गुलाबी आकाश की तस्वीरें दिखीं तो वे चकित रह गए। सोशल मीडिया पर देखते ही देखते ये तस्वीरें वायरल हो गईं और इस विचित्र नज़ारे को देखकर लोग तरह-तरह की कल्पनाएं कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, आसमान का ये नज़ारा बिल्कुल अनोखा था. ऐसा लग रहा था मानो किसी हॉलीवुड साइंस फिक्शन की तरह कोई चीज़ छाया बनकर आसमान को ढकती जा रही है। ये डरावना लग रहा था क्योंकि आमतौर पर नीला या स्लेटी दिखने वाला आसमान गुलाबी और बैंगनी दिख रहा था।

साइंस टेक्नीशियन स्टुअर्ट शॉ ने अंटार्कटिका की ये तस्वीरें खींची हैं, जो स्कॉट बेस पर सर्दियों में तैनात थे। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर गुलाबी आसमान की तस्वीरें अपलोड की हैं और कैप्शन में लिखा- मानिए या न मानिए, इन शॉट्स को एडिट नहीं किया गया है और ये अविश्वसनीय है।

क्यों बदला आसमान का रंग ?
दरअसल अंटार्कटिका में आसमान के गुलाबी दिखने के पीछे वजह है यहां ज्वालामुखी का फूटना। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सल्फेट पार्टिकल्स, समुद्री नमक और वॉटर वेपर से बने एयरोसोल हवा में घूमते हैं। सूरज की रोशनी इन्हीं से होती हुई आती है, जिसकी वजह से आकाश में गुलाबी, बैंगनी और नीले रंग की आभा तैरने लगती है. इससे पहले चीन के झोउशान शहर का आसमान लाल हो गया था और अमेरिका के दक्षिण डकोटा के सिओक्स फॉल्स (Sioux Falls) में आसमान हरे रंग का हो गया था। न्यूज़ीलैंड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड एटमॉस्फेरिक रिसर्च (NIWA) की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी इस घटना का जिक्र किया गया है।

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