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नैनीताल: अंग्रेजों के बसाये शहर नैनीताल में क्रिसमस के लिए तैयारी शुरू, 18 से होंगे चरनी गीत
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By Bhupesh Kanaujia
चन्द्रेक बिष्ट, अमृत विचार, नैनीताल। अंग्रेजों द्वारा बसाए नैनीताल शहर में क्रिसमस की तैयारी जोरों पर चल रही है। शहर के चर्च ऐतिहासिक माने जाते हैं। क्रिसमस के लिए सेंट जोंस सहित नगर के पांचों चर्च संजाए जाएंगे।
सूखाताल स्थित...
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Independence day: 15 अगस्त को भारत ने देखा था आजाद सुबह का पहला सूरज
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By Amrit Vichar
नई दिल्ली। पूरा देश सोमवार को स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही …
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महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से ली प्रेरणा, लालसेना ने चंबल मे उड़ा दिये थे अग्रेंजो के छक्के
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By Amrit Vichar
इटावा। महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरणा लेकर आजादी की लड़ाई में कूदने वाले कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया की अगुवाई में लाल सेना ने चंबल की पथरीली और ऊबड़ खाबड़ वादियों में अंग्रेजी सिपाहियों के छक्के छुड़ा दिये थे। लाल सेना के सदस्य जिले के टकपुरा गांव निवासी गुलजारी लाल के पौत्र …
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भारत के आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर की कब्र को अंग्रेजों ने 132 साल तक आखिर क्यों छुपाया, जानिए
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By Amrit Vichar
भारत के आखिरी मुगल शासक बहादुरशाह जफर को उनकी उर्दू शायरी और हिंदुस्तान से उनकी मोहब्बत के लिए याद किया जाता है। लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि उन्होंने 1857 की क्रांति में विद्रोहियों और देश के सभी राजाओं का एक सम्राट के तौर पर नेतृत्व किया। इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत भी चुकानी …
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बरेली: अंग्रेजों के बनाए राजस्व विभाग के 11 अनुपयोगी कानून सरकार करेगी निरस्त
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By Amrit Vichar
बरेली, अमृत विचार। अंग्रेजी हुकूमत में बनाए गए राजस्व और आवास विभाग के 11 कानूनों को निरस्त कर राज्य सरकार आमजन को बड़ी राहत देने की तैयारी में लगी है। ये कानून (अधिनियम) वर्ष 1845 से लेकर 1917 के बीच में बनाए गए थे। सरकार इन्हें अब अप्रचलित और अनुपयोगी मान रही है। राजस्व परिषद ने …
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अंग्रेजों के जमाने की डंडे वाली पुलिस का समय गया, अब ‘नॉलेज बेस्ड पुलिसिंग’ का जमाना- अमित शाह
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By Amrit Vichar
भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज पुलिस में आधुनिकीकरण की अहमियत पर बल देते हुए दो टूक कहा कि अब अंग्रेजों के जमाने की डंडे वाली पुलिस का जमाना नहीं रहा, अपराध की नई चुनौतियों को देखते हुए अब ‘नॉलेज बेस्ड पुलिस’ ही जरूरी है। श्री शाह ने आज यहां 48वीं अखिल भारतीय पुलिस …
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ऐसे मिली गोवा को आजादी…
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By Amrit Vichar
गोवा को सन् 1961 में भारतीय सेना ने ‘आपरेशन विजय‘ के तहत 26 घंटों में स्वतंत्र करवा लिया था। गोवा को सन् 1510 में पुर्तगाल ने अपना उपनिवेश बनाया था। पुर्तगाली सेना ने बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह को हरा कर गोवा पर कब्जा किया था। यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के औपनिवेशीकरण की प्रक्रिया …
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जिम कॉर्बेट ने बनवाया था फतेहपुर में डाक-बंगला
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By Amrit Vichar
हल्द्वानी-रामनगर मोटर मार्ग पर जंगलात के पुराने रास्ते में हल्द्वानी से करीब छह-सात किलोमीटर बाद एक दुराहा पड़ता है जिसका बांया हिस्सा लामाचौड़ होते हुए रामनगर के लिए जाता है और दायाँ बेल-बसानी और पटवाडांगर होते हुए नैनीताल से मिलता है. साल और शीशम के कीमती पेड़ों से घिरे इस वन-प्रांतर में अंग्रेजों के ज़माने …
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जयंती विशेष: स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी ने दिया था ‘इन्क़लाब ज़िंदाबाद’ का नारा
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By Amrit Vichar
‘इन्क़लाब ज़िंदाबाद’ का नारा देने वाले स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी आज ही के दिन 1 जनवरी 1878 को उन्नाव में पैदा हुए। हसरत मोहानी की पढ़ाई मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज से हुई जो बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गया। स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल होने के जुर्म में मोहनी को 1903 में अंग्रेजों ने …
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बरेली: मुगलों ने हिंदुस्तान और अंग्रेजों ने थोपा इंडिया, अब भारत को मिले पहचान
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By Amrit Vichar
बरेली, अमृत विचार। मैं भारत हूं यात्रा गुरुवार को बरेली पहुंची। यात्रा का स्वागत समारोह जैन मंदिर सिविल लाइंस के प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम संयोजक केके माहेश्वरी ने ‘मैं भारत हूं’ फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार जैन का स्वागत किया। यहां उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश को दो अलग नामों …
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CJI एनवी रमना ने कही बड़ी बात- अदालतों में अब भी गुलामी के दौर वाला अंग्रेजी सिस्टम जारी
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By Amrit Vichar
नई दिल्ली। सीजेआई एनवी रमना ने देश की न्याय व्यवस्था को लेकर का बड़ी बात कही है कि हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के दौर की है और इसका भारतीयकरण करने की जरूरत है। बेंगलुरू में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देश में अब भी गुलामी के दौर की न्याय व्यवस्था कायम है और …
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अपनी जिंदगी मे हुए गुनाह को खुलेआम कुबूल करने वाले कुछ ऐसे थे ‘मिर्जा गालिब’…
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By Amrit Vichar
ग़ालिब अथवा मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान का जन्म 27 दिसम्बर, 1797 ई. को आगरा में हुआ था, जिन्हें सारी दुनिया ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’ के नाम से जानती है। ग़ालिब उर्दू-फारसी के प्रख्यात कवि रहे हैं। इनके दादा मिर्ज़ा कौकन बेग खां समरकन्द से भारत आए थे। बाद में वे लाहौर में मुइनउल मुल्क के यहां नौकर …
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