श्रृंग
धर्म संस्कृति 

रामकथा में ऋष्यश्रृंग और श्रृंगवेरपुर का महत्त्व

रामकथा में ऋष्यश्रृंग और श्रृंगवेरपुर का महत्त्व रामकथा में ऋष्यश्रृंग और श्रृंगवेरपुर का अतिशय महत्त्व है। श्रृंगवेरपुर प्रयाग से रायबरेली मार्ग पर २४ किमी दूर गंगातट पर स्थित है जो रामायण काल में श्रृंगी ऋष्यश्रृंग ऋषि का आश्रम था। श्रृंगी ऋषि की पत्नी शांता थी जो अंगराज रोमपाद की पुत्री थी। अयोध्यानरेश दशरथ रोमपद के मित्र थे उनको कोई संतान नहीं थी …
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