bygone days
साहित्य 

याद उन बीते दिनों की, इस कदर आने लगीं…

याद उन बीते दिनों की, इस कदर आने लगीं… याद उन बीते दिनों की, इस कदर आने लगीं। हमको बचपन की वही फिर, कुट्टियां भाने लगीं। आज लड़ते थे मगर फिर, दोस्ती कल से शुरू। आजकल की दोस्ती भी, आजमाने मे लगी। पकड़ उंगली मां-पिता की, थे बड़े ही शेर हम। आजकल तो बिल्लियाँ, हमको डराने में लगीं। हमको न चिंता फिकर थी, हो …
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