सुप्रिया सुले ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- हर महीने चुनाव करा लिये जाएं तो महंगाई नहीं बढ़ेगी

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने हाल में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैसों के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के समय महंगाई पर लगाम रहती है तो देश में ‘हर महीने एक चुनाव कराया जाना चाहिए’ ताकि जनता को महंगाई का दंश नहीं …
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने हाल में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैसों के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के समय महंगाई पर लगाम रहती है तो देश में ‘हर महीने एक चुनाव कराया जाना चाहिए’ ताकि जनता को महंगाई का दंश नहीं झेलना पड़े।
राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस का लाभ देने वाली सरकार ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम फिर से बढ़ा दिये हैं। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई से जनता का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि, जब भी चुनाव आ रहे होते हैं तो उनसे पहले महंगाई एकदम से रुक जाती है और चुनाव खत्म होने के बाद चीजें फिर से महंगी होनी शुरू हो जाती हैं।
सुले ने कहा कि, ‘ऐसे में मुझे तो महंगाई रोकने का एक ही उपाय नजर आता है। देश में हर महीने कोई चुनाव होना चाहिए, जिससे पेट्रोल-डीजल का दाम भी कम रहेगा। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की हाल में बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग की। भाजपा के अर्जुन लाल मीणा ने शून्यकाल में कहा कि धर्मांतरण के बाद ईसाई और मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद भी आरक्षण का लाभ ले रहे लोगों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए।
भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने देश में एक समग्र कृषि नीति की जरूरत बताते हुए कहा कि कहा कि भारत जैसे कृषिप्रधान देश में उद्योग और पर्यटन की नीतियां हैं और नागर विमानन क्षेत्र के लिए भी नीति बनाई जा रही है, लेकिन कृषि नीति नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कृषि कानूनों के माध्यम से देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन विरोध के बाद उन कानूनों को वापस लेना पड़ा।
सिंह ने कहा कि देश में कृषि नीति बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों का सरकार पर भरोसा बढ़े। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने शून्यकाल में कहा कि असम के कई बेरोजगार युवा पैसों के लिए उग्रवादी संगठन उल्फा में शामिल हो रहे हैं, सरकार को इस संवेदनशील विषय पर ध्यान देना चाहिए।
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