राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताई ”बाल थाने” की जरूरत, कहा- झूठे केस में फंसाए जाते हैं मासूम

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताई ”बाल थाने” की जरूरत, कहा- झूठे केस में फंसाए जाते हैं मासूम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हर जिले में मौजूद महिला थाने की तरह ही एक बाल थाने की जरूरत बताई। इसके लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग जल्द ही सरकार को एक पत्र लिखेगा। हर जिले में बाल थाना खुले इसको लेकर आज उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हर जिले में मौजूद महिला थाने की तरह ही एक बाल थाने की जरूरत बताई। इसके लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग जल्द ही सरकार को एक पत्र लिखेगा। हर जिले में बाल थाना खुले इसको लेकर आज उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के माल एवेन्यू स्थित कार्यालय में हुई बैठक के दौरान सहमति भी बन गई है, इस बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

इस दौरान उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने अमृत विचार से बात करते हुए कहा की जिस तरह हर जिले में महिला थाना मौजूद है, उसी तरह बच्चों के लिए भी एक बाल थाना खोला जाए,यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखेंगे।

इस दौरान उन्होंने बताया कि हमारी यह कोशिश होगी कि बाल थाने का नाम भी बाल मित्र या कुछ और रखा जाए,जिससे बच्चों के कोमल मन पर किसी प्रकार का बोझ ना पड़े। उन्होंने बताया कि नाबालिक मनसे भावुक होते हैं, ऐसे में बच्चों को सही दिशा और दशा मिलना जरूरी है।यदि वह नकारात्मक दिशा में जाएंगे तो उनके मन पर प्रभाव भी नकारात्मक पड़ेगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की कई बार नाबालिक बच्चों को गलत मुकदमों में फंसा दिया जाता है, जिससे उन पर बुरा असर पड़ता है, हमारी कोशिश होगी कि किसी बच्चे को गलत मामलों में ना फंसाया जाए, उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द ही आयोग एक व्हाट्सएप नंबर जारी करेगा। जिस पर किसी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल उस पर पीड़ित अपनी जानकारी दे सके।

पूछे गए सवाल कि ऐसे कितने बच्चे प्रदेश में है जिन पर गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उस पर आयोग की तरफ से बताया गया कि इस तरह के मामलों की पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है,लेकिन ऐसे कई मामले आयोग के सामने आए हैं जिन मे गलत तरीके से बच्चों को फंसाया गया है।

मेडिकल स्टोर की जांच करेगा आयोग

एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के तहत उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने की जांच करेगा, जिससे बच्चों को नशीली दवाइयों से दूर रखा जा सके, बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व सभी मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए गए थे।

बाल श्रम रोके जाने पर होगा जोर

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया है कि प्रदीप स्थित सभी जिले के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर जिलों में बाल श्रम को रोके जाने की बात कही गई है।

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