पीलीभीत: बीईओ ने फर्जी शिक्षक की भेजी बीएसए को रिपोर्ट, कार्रवाई का इंतजार

पीलीभीत, अमृत विचार। फर्जी जाति प्रमाण पत्र से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे शिक्षक की जांच बीएसए के द्वारा बीईओ पूरनपुर को जांच सौंपी गई थी। मगर, जांच में शिक्षक के दौरान कोई सहयोग न करने पर बीईओ ने अपनी रिपोर्ट बनाकर बीएसए को सौंप दी है। अब सिर्फ बीएसए को जांच आख्या …

पीलीभीत, अमृत विचार। फर्जी जाति प्रमाण पत्र से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे शिक्षक की जांच बीएसए के द्वारा बीईओ पूरनपुर को जांच सौंपी गई थी। मगर, जांच में शिक्षक के दौरान कोई सहयोग न करने पर बीईओ ने अपनी रिपोर्ट बनाकर बीएसए को सौंप दी है। अब सिर्फ बीएसए को जांच आख्या के आधार पर कार्रवाई तय करना है। इधर, शिक्षक विभागीय कार्रवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है।

इज्जतनगर (बरेली) थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी मीना देवी ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि रामपुर जिले के तहसील क्षेत्र मिलक के गांव लोहापट्टी निवासी वीरपाल पुत्र पीतांबर दास जोकि वर्तमान में बरखेड़ा ब्लॉक के गांव चक शिवपुरी में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक के पद पर कार्यरत है। शिक्षक मूल रूप से गड़रिया जाति का है।

जोकि ओबीसी में आते हैं। मगर, शिक्षक ने तथ्यों को छिपाते हुए जुलाई 2016 में फर्जी तरीके से बरेली में अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली। इस मामले में शिक्षक की पत्नी मीना देवी ने मुख्यमंत्री पोर्टल और अन्य अफसरों से शिकायत की थी। जिसके बाद मामले की जांच की गई तो मामला सही पाया गया।

इस पर बरेली प्रशासन ने 30 मार्च 2011 को शिक्षक का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था। उच्चाधिकारियों के द्वारा शिक्षक पर कार्रवाई की संस्तुति होने के बाद बीएसए अमित कुमार सिंह की ओर से शिक्षक वीरपाल को 25 जुलाई को नोटिस भेजा गया। मगर, उनके द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।

इसके बाद 03 अगस्त को दूसरा नोटिस दिया गया। इधर, पत्नी की ओर से शिक्षक पर कार्रवाई न होने से शिकायतों का सिलसिला जारी है। बीएसए ने शिक्षक के द्वारा जवाब दाखिल न करने पर उसका वेतन भी रोक दिया है। साथ ही पुन: इस प्रकरण की जांच और पीलीभीत के सर्विस काल का रिकॉर्ड चेक करने के साथ इसकी जांच बीईओ पूरनपुर को सौंपी थी।

जांच मिलने के बाद बीईओ ने शिक्षक को अपनी तरफ से एक नोटिस जारी किया। मगर, शिक्षक ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। इस पर बीईओ ने शिक्षक पर लगे आरोप को सही मानते हुए अपनी निरीक्षण आख्या बनाकर बीएसए को सौंप दी है।

शिक्षक पर लगे आरोप की निरीक्षण आख्या प्राप्त हो चुकी है। निरीक्षण का मूल्याकंन करने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल शिक्षक की ओर से किसी भी नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया गया है—अमित कुमार सिंह बीएसए।

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