मुरादाबाद : चिंताजनक! मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्री सुरक्षा नहीं…मुख्यालय से गुजरती हैं 110 ट्रेनें

मुरादाबाद : चिंताजनक! मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्री सुरक्षा नहीं…मुख्यालय से गुजरती हैं 110 ट्रेनें

मुरादाबाद, अमृत विचार। शनिवार की रात ट्रेनों में यात्रियों के साथ किश्तों में हुई घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गर्मी के मौसम में चोरी और लूट की घटनाएं बढ़ने की संभावना रहती हैं। जबकि, कोरोना काल के बाद पूरी क्षमता के साथ सेवा बहाली के बाद ट्रेनों में भीड़ बढ़ने …

मुरादाबाद, अमृत विचार। शनिवार की रात ट्रेनों में यात्रियों के साथ किश्तों में हुई घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गर्मी के मौसम में चोरी और लूट की घटनाएं बढ़ने की संभावना रहती हैं। जबकि, कोरोना काल के बाद पूरी क्षमता के साथ सेवा बहाली के बाद ट्रेनों में भीड़ बढ़ने के साथ सुरक्षा को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। मेल, एक्सप्रेस और लंबी दूरी की ट्रेनों में मामूली संख्या में जवानों की ड्यूटी चर्चा में है। देश की राजधानी से नजदीक के मंडल मुख्यालय से हर रोज लगभग 60 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। अगर मंडल मुख्यालय पर स्क्वायड की चर्चा करें मुरादाबाद जीआरती मात्र 11 ट्रेनों में तैनात है। आरपीएफ में यह संख्या 20 है। यानी, कि करीब 50 प्रतिशत से अधिक ट्रेनों में सुरक्षाबलों के जवान नहीं चलते हैं।

सूत्रों का कहना है कि दून एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, पद्मावत, किसान और पंजाब मेल में मुख्यालय से कोई स्क्वायड नहीं चलती है। जिन ट्रेनों में सुरक्षाबलों के जवान नहीं चलते उनमें सुरक्षा की बात कौन करें, जब स्क्वायड वाली ट्रेनों की एक टुकड़ी तीन से पांच सदस्य ही चलते हैं। सूत्र कहते हैं कि रात की ट्रेनों में जिन जवानों की ड्यूटी लगती है, वह अक्सर वातानुकूलित कमरों में सफर करते हैं।

लूट, चोरी और छिनैती की घटनाएं आमतौर पर सामान्य डिब्बों में होती हैं। अनारक्षित कोच में बदमाश आसानी से यात्रियों को निशाना बनाते हैं। जानकार कहते हैं कि कटघर यार्ड, दलपतपुर और हरथला आउटर में अक्सर घटनाएं होती हैं। रात के समय अक्सर ट्रेनें इन क्षेत्रों में धीमी हो जाती हैं, जिसका फायदा बदमाश उठाते हैं। दिल्ली-फैजाबाद एक्सप्रेस और काठगोदाम से हिमाचल जाने वाली ट्रेन की घटनाओं ने साबित कर दिया कि रेलवे में यात्री सुरक्षा चौकस नहीं है। मंडल मुख्यालय की इस घटना ने जिम्मेदारों को सकते में डाल दिया है। उधर, पैसेंजर ट्रेनों में स्क्वायड नहीं के बीच यात्रियों को ऐसी स्थिति में सफर करना पड़ रहा है। जानकार कहते हैं कि लखनऊ दिशा में आधी रात के बाद जाने वाली ट्रेनों में बरेली तक का सफर ज्यादा खतरनाक है। जबकि सहारनपुर रूट की ट्रेनों में यात्रा करने वालों के लिए सुकून और सुरक्षा की गारंटी नहीं है।

लूट की घटना में दो सिपाही लाइनहाजिर
मुरादाबाद। गोविंद नगर आउटर पर दो ट्रेनों के लूट मामले में रेलवे सुरक्षा बल ने दो पुलिस कर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया है। रेलवे पुलिस का कहना है कि दोनों पुलिस कर्मियों की मौके पर डयूटी थी। फैजाबाद-दिल्ली एक्सप्रेस और लालकुआं-अमृतसर एक्सप्रेस में शनिवार की देर रात चार बदमाशों ने गोविंद नगर आउटर के पास लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। बदमाशों ने एक ही प्वाइंट पर बारी-बारी से दो ट्रेनों में पांच यात्रियों को लूट लिया। जबकि डबल फाटक के पास आरपीएफ की पेट्रोलिंग की तैनाती रहती है, लेकिन आरपीएफ को लूट की खबर नहीं हो सकीं। घटना को गंभीरता से लेते हुए आरपीएफ के प्रमुख मुख्य संरक्षा आयुक्त आईजी एएन मिश्रा मुरादाबाद पहुंचे और सहायक कमांडेंट टीएस रावत, पोस्ट कमांडर धर्मेन्द्र कुमार राणा के अलावा जीआरपी निरीक्षक सुधीर कुमार संग घटनास्थल का निरीक्षण किया था। सीनियर डीएससी मनोज कुमार ने बताया कि लापरवाही मानते हुए ड्यूटी पर तैनात रहे दो पुलिस कर्मियों चन्द्रवीर और खेमकरन को लाइन हाजिर कर दिया है।

एसपी जीआरपी अपर्णा गुप्ता ने बताया कि  ट्रेनों में सुरक्षा प्लान रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के संयुक्त योजना से तैयार होता है। परिक्षेत्र में जीआरपी की 119 स्क्वायड है, जो ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवंटित है। थाना वार टीमें गठित हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में समन्वय के आधार पर सुरक्षा दी जाती है।

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