मुरादाबाद : ‘यूपी कैडर प्राथमिकता, शिक्षा क्षेत्र के लिए करुंगी काम’
आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (2021) की टॉपर श्रुति शर्मा नौकरी में यूपी कैडर को प्राथमिकता देंगी और शिक्षा क्षेत्र के लिए काम करेंगीं। क्योंकि श्रुति के इंजीनियर पिता कालेज का संचालन करते हैं। मां एमएसटी टॉपर हैं। ऐसे में शिक्षा क्षेत्र का अपने जीवन का लक्ष्य बनाने का संकल्प रखती हैं। …
आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (2021) की टॉपर श्रुति शर्मा नौकरी में यूपी कैडर को प्राथमिकता देंगी और शिक्षा क्षेत्र के लिए काम करेंगीं। क्योंकि श्रुति के इंजीनियर पिता कालेज का संचालन करते हैं। मां एमएसटी टॉपर हैं। ऐसे में शिक्षा क्षेत्र का अपने जीवन का लक्ष्य बनाने का संकल्प रखती हैं। सोमवार को परिणाम आने के बाद दिल्ली में परिवार के सदस्यों संग श्रुति शर्मा गदगद हैं।
- सोशल मीडिया से बहुत कम नाता रखा, समाचार पत्रों से नोट्स बनाए
- हिस्ट्री आनर्स की छात्रा ने जामिया मिलिया की रेजिडेंशियल कोचिंग की
दूरभाष पर अमृत विचार से विशेष बातचीत में भविष्य की योजनाओं पर सिलसिलवार चर्चा करती हैं। कहतीं है कि पापा (सुनील दत्त शर्मा) स्कूल में पढ़ाते हैं। मेरी नानी का सपना था मुझे यूपीएससी में भेजना। लेकिन, मां मेरे सकल्पों को संवारने में जुटी रहीं। इसलिए मुझे घर वालों के संपने और अपनी योजनाओं को आकार देना है। मैं शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हूं।
श्रुति परीक्षा टॉप करने का राज समझातीं हैं। कहती हैं, समाचार पत्रों से नोट्स बनाया। प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुति के लिए लेखन अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया। सोशल मीडिया से संतुलित तरीके से जुड़ी। अब सेवा में आने पर उत्तर प्रदेश कार्य स्थल के रूप में मेरी प्राथमिकता है। श्रुति की नजर में इनकी सफलता में माता-पिता, दोस्त क्रमश: मददगार हैं। सेंट स्टीफंस कॉलेज की पूर्व छात्रा का कहना है कि उन्हें ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं थी। लेकिन रोमांच हो गया। जिससे एक सुखद आश्चर्य हो रहा है।
श्रेय के सवाल पर विस्तार की चर्चा के जवाब में श्रुति कहती हैं कि इसका श्रेय उन सभी को जाता है, जो मेरी इस (परीक्षा) यात्रा में शामिल थे। बताती हैं कि चार सालों से परीक्षा थी तैयारी कर रहीं थीं। डीयू के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। हिस्ट्री आनर्स विषय वाली छात्रा का कहना है कि वह जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी की छात्रा थीं। पिता सुनील दत्त शर्मा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद दिल्ली में नौकरी की। इस दौरान कनाड़ा भी गए। अब बिजनौर के बास्टा गांव में शिक्षक के रूप में स्कूल में शिक्षा देते हैं। श्रुति का छोटा भाई विनय क्रिकेट में रणजी का कैंप कर रहा है।
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