मुरादाबाद : बचपन से ही अमर सिंह के मन में सुलग रही थी आजादी की चिंगारी, यहां पढ़ें पूरी कहानी

मुरादाबाद : बचपन से ही अमर सिंह के मन में सुलग रही थी आजादी की चिंगारी, यहां पढ़ें पूरी कहानी

अमृत विचार,सलमान खान। आजादी की जंग में मुरादाबाद के लोगों ने दिलेरी के साथ संग्राम में हिस्सा लिया। कई लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण गंवा दिए। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में कूदने वालों की गाथाएं याद की जाती हैं। जनपद के स्वतंत्रता सेनानियों में एक नाम अमर सिंह का भी आता है। अमर ने देश …

अमृत विचार,सलमान खान। आजादी की जंग में मुरादाबाद के लोगों ने दिलेरी के साथ संग्राम में हिस्सा लिया। कई लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण गंवा दिए। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में कूदने वालों की गाथाएं याद की जाती हैं। जनपद के स्वतंत्रता सेनानियों में एक नाम अमर सिंह का भी आता है। अमर ने देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

जनपद के कांठ थाना क्षेत्र के गांव खूंटखेड़ा में किसान परिवार में अमर का जन्म 1905 में हुआ था। उनमें बचपन से ही देश को आजाद कराने की चिंगारी सुलग रही थी, इसलिए वह अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गए थे। देश को आजाद कराने में हुई जंग में शामिल होकर अमर ने मुरादाबाद का नाम पूरे देश में रोशन किया था। उन्होंने उस समय अंग्रेजी शासन की नींद हराम कर दी थी। आजादी के बाद आचार्य विनोबा भावे के आह्वान पर उन्होंने भूदान आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाते हुए 1,000 बीघा जमीन गरीबों को दान की थी।

अमर का शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है। उनके द्वारा बिहारी आदर्श कन्या इंटर कॉलेज व दयानंद इंटर कॉलेज की स्थापना की गई। स्वतंत्रता सेनानी अमर के पुत्र व उत्तराधिकारी देवेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि उनके पिता क्षेत्र की ग्राम पंचायत मौढ़ी हजरतपुर के 25 वर्ष तक निर्विरोध प्रधान रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में पूरे क्षेत्र में बिना भेदभाव के विकास कार्य कराए। 15 अगस्त 1972 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्र पत्र व प्रशस्ति-पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया था। सात दिसंबर 2002 को अमर दुनिया को अलविदा कह गए।

अमर सिंह के नाम से निगम ने कराया है मार्ग-पार्क का निर्माण
स्वतंत्रता सेनानी अमर सिंह के बलिदान को याद रखने के लिए नगर निगम ने उनके नाम से पार्क व मार्ग का निर्माण भी कराया है। निगम द्वारा कांठ रोड से आशियाना कॉलोनी पर जाने वाली सड़क का नाम स्वतंत्रता सेनानी अमर सिंह मार्ग रखा है। नगर निगम ने आशियाना फेज एक में अमर सिंह के नाम से पार्क बनवाया है।

दो साल तक काटी थी सजा जुर्माना भी किया था अदा
अंग्रेज सरकार ने आजादी के आंदोलन के दौरान अमर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह दो साल जेल में रहे थे। इस दौरान उन्होंने सजा काटने के साथ ही 100 रुपये जुर्माना भी दिया था। उन्होंने व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन में भी छह माह की सजा व 30 रुपये का जुर्माना दिया था।

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