मुरादाबाद : सच्चाई एकदम उलट…बिना अध्यापक और किताबों के पढ़ रहे छात्र-छात्राएं

मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश सरकार भले ही परिषदीय स्कूलों में बुनियादी शिक्षा की बेहतरी के दावे कर ले, लेकिन सच्चाई एकदम उलट है। अधिकांश परिषदीय स्कूलों में बच्चों को किताबें तक नहीं मिल पाईं, जबकि आधा शैक्षिक सत्र गुजर चुका है। यही नहीं स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा के नीति के अनुरूप शिक्षकों तक की तैनाती नहीं …

मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश सरकार भले ही परिषदीय स्कूलों में बुनियादी शिक्षा की बेहतरी के दावे कर ले, लेकिन सच्चाई एकदम उलट है। अधिकांश परिषदीय स्कूलों में बच्चों को किताबें तक नहीं मिल पाईं, जबकि आधा शैक्षिक सत्र गुजर चुका है। यही नहीं स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा के नीति के अनुरूप शिक्षकों तक की तैनाती नहीं है। एक ही शिक्षक कई कक्षाओं के बच्चों को एक ही कक्षा में बैठाकर अध्यापन कार्य कर रहे हैं।

शहर हो या ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय अधिकांश में अध्यापकों की कमी है। आलम यह कि कई स्कूलों में एक ही अध्यापक मौजूद है तो कहीं विद्यालय एक शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं। विद्यालयों के नया शैक्षिक सत्र शुरू हुए लगभग छह माह हो गए है, लेकिन विद्यार्थियों को अभी तक पूरा कोर्स उपलब्ध नहीं कराया गया है। किसी कक्षा के विद्यार्थी को एक किताब तो किसी के दो किताबें ही अब तक मिल पाई हैं। वहीं ड्रेस, जूते और मौजों के लिए धनराशि अभिभावकों के खातों में भेजी जा रही है। मगर अब भी बड़ी संख्या में ऐसे अभिभावक हैं जिनके खातों में 1200 रुपये की धनराशि नहीं पहुंची है।

कन्या प्राथमिक विद्यालय, मऊ
यहां कुल 290 विद्यार्थी पंजीकृत है। जिनमें लगभग 70 से 90 बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस और जूते मौजों की धनराशि नहीं पहुंची है। जिन अभिभावकों के खाते में पैसे नहीं आए हैं। उन्होंने खुद खरीदकर बच्चों को ड्रेस दे दी है। कक्षा 1,2,3 और 5 के विद्यार्थियों के लिए अभी एक किताब उपलब्ध कराई गई है।

प्राथमिक विद्यालय, महलकपुर
विद्यालय में कुल 150 विद्यार्थी पंजीकृत है। जिनमें अधिकांश के पास स्कूल ड्रेस उपलब्ध है। कक्षा एक से लेकर कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए हिंदी विषय की किताब ही उपलब्ध कराई गई है। बाकी विषय बच्चे बिना किताबों के पढ़ रहे है। विद्यालय में कुल छह अध्यापक मौजूद है। स्कूल की प्रधानाचार्य अल्का वर्मा हैं।

प्राथमिक विद्यालय, काजीपुरा
विद्यालय में कुल 125 विद्यार्थी पंजीकृत है। जिनमें अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस के पैसे आ गए हैं। कक्षा 1 और 2 के बच्चों को एक किताब और कक्षा 3 के बच्चों को दो किताबें उपलब्ध कराई हैं। जबकि कक्षा 4 और 5 के बच्चे बिना किताबों के पढ़ाई कर रहे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि स्कूल में एक ही शिक्षामित्र ही मौजूद है। शिक्षामित्र संध्या ने बताया कि स्कूल की प्रधानाचार्य सुचित्रा भारती तीन महीने की सीसीएल पर गई है।

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