King Cong: मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के कप्तान, शशि थरूर से निकली हाथ की कमान

King Cong: मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के कप्तान, शशि थरूर से निकली हाथ की कमान

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को बुधवार को नया अध्यक्ष मिल गया। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे ने जीत लिया। मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले वहीं, शशि थरूर को 1072 मत मिले। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में कुल 9385 वोट पड़े थे, जिसमें 416 वोट अमान्य करार दिए …

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को बुधवार को नया अध्यक्ष मिल गया। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे ने जीत लिया। मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले वहीं, शशि थरूर को 1072 मत मिले। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में कुल 9385 वोट पड़े थे, जिसमें 416 वोट अमान्य करार दिए गए थे। कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत हुई है। इसके बाद दिल्ली में AICC कार्यालय के बाहर जश्न का माहौल देखा गया। खडगे ने 6825 मतों से जीत हासिल की है।

कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का निर्वाचित अध्यक्ष घोषित करता हूं। सचिन पायलट ने कहा कि भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे जी जीते हैं, ये लोकतंत्र की जीत है और कांग्रेस पार्टी की जीत है। मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे जी को बधाई दी है। मुझे पूरा भरोसा है कि खड़गे जी का व्यापक अनुभव पार्टी को मिलेगा। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पहुंचे और उन्हें बधाई दी। थरूर ने ट्वीट किया, कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनना एक बहुत बड़ा सम्मान और एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं खड़गे जी के लिए इस कार्य के लिए पूरी सफलता की कामना करता हूं। एक हजार से अधिक सहयोगियों का समर्थन प्राप्त करना, और पूरे भारत में कांग्रेस के इतने शुभचिंतकों की आशाओं और आकांक्षाओं को आगे बढ़ाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।

मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला था। करीब दो दशक के बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता कांग्रेस का अध्यक्ष बना। गांधी परिवार से करीबी और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के चलते मल्लिकार्जुन खड़गे की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी।

राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने कहा था कि सोनिया गांधी 22 वर्ष तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं हैं उन्होंने PM पद नहीं स्वीकारा। 30 साल से यह परिवार किसी पद पर नहीं आया। सिर्फ संगठन की ज़िम्मेदारी संभाली थी, वो भी छोड़ दी। इसका दुख हम सबको है। राहुल जी अगर इसे संभालते, तो एक नया मैसेज जाता।

वहीं, काउंटिंग के दौरान थरूर समर्थन सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया। सोज ने कहा- हमने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है। इधर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा था कि खड़गे 90% से ज्यादा वोटों से जीत रहे हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे के मतगणना एजेंट गौरव गोगोई ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, हमें गर्व है कि हमने इतने लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराया।खड़गे साहब और शशि थरूर का कहना है कि जो भी अध्यक्ष बने वे सभी के साथ विचार विमर्श करेंगे और निश्चय ही सोनिया गांधी या गांधी परिवार के परामर्श को सुनेंगे।

वोटों की गिनती का काम आज सुबह 10 बजे से नई दिल्ली के 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 9500 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान किया था।

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कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष चुनाव के आखिरी बार वर्ष 1998 में चुनाव कराए गए थे। उस वक्त सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था। सोनिया गांधी ने इस चुनाव में बड़े अंतर से जितेंद्र प्रसाद को हरा दिया था। इस बार के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में से जो भी जीतेगा वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65 वां नेता होगा। अगर मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव जीतते हैं तो वह कांग्रेस अध्यक्ष बननने वाले दूसरे दलित नेता होंगे। उनसे पहले बाबू जगजीवन राम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे।

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कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे?
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर यहां सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। यहां वह स्टूडेंट यूनियन के महासचिव भी रहे। गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे। 1969 में वह एमकेएस मील्स कर्मचारी संघ के विधिक सलाहकार बन गए। तब उन्होंने मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी। वह संयुक्त मजदूर संघ के प्रभावशाली नेता रहे।

1969 में ही वह कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें गुलबर्गा कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल विधानसभा सीट से विधायक बने। खरगे गुरमीतकल सीट से नौ बार विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला। 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। 2008 तक वह इस पद पर बने रहे। 2009 में पहली बार सांसद चुने गए।

मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाते हैं। इसका समय-समय पर उनको इनाम भी मिला। साल 2014 में खरगे को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2020 में राज्यसभा भेज दिया। पिछले साल गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हुआ तो मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया।

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