दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत

वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार से 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के शेष दिनों का उपयोग सावधानी पूर्वक करने की सलाह दी है। संक्रमितों को खोजने के साथ-साथ उनकी जांच के काम में तेजी लाने की सलाह दी गई है। इस बयान पर लगभग 760 शोधकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। उनकी यह चिंता रेखांकित किए जाने …

वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार से 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के शेष दिनों का उपयोग सावधानी पूर्वक करने की सलाह दी है। संक्रमितों को खोजने के साथ-साथ उनकी जांच के काम में तेजी लाने की सलाह दी गई है। इस बयान पर लगभग 760 शोधकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। उनकी यह चिंता रेखांकित किए जाने योग्य है कि अब तक लॉकडाउन अवधि का उपयोग संक्रमित लोगों के संपर्क में आए रोगियों के संगरोध तक ही सीमित रहा है। बड़े पैमाने पर आशंकित मरीजों की जांच के समुचित प्रबंध व इस काम में तेजी न आई तो संक्रमण वापस उछल सकता है।

लॉकडाउन में हुए श्रमिकों के पलायन से खतरा था कि यह वायरस को देश के सभी हिस्सों में ले जाया जाएगा। पलायन के मद्देनजर राज्यों की सीमाएं सील कर दिए जाने के बाद राज्य सरकारें रोगियों को खोजने का काम कर रही हैं। यदि इस पर रोक के प्रबंध न किए गए होते तो प्रवासी श्रमिकों के पलायन से उपजे संभावित खतरों में बढ़ोतरी ही होती। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रवासी श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा व कल्याण सुनिश्चित करने को नकद राशि का हस्तांतरण शुरू किया है। इससे मजबूरों के पलायन पर रोक लगेगी।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि देश में लगभग 21 हजार राहत शिविरों में लगभग 6,56,000 प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा आश्रय दिया गया है। देश में कोरोना के परीक्षणों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। इस काम में उस पर आने वाली लागत सबसे बड़ी बाधा है।

आईसीएमआर के अधिकारियों के अनुसार कोविड 19 के लिए प्राथमिक परीक्षण की लागत डेढ़ हजार रुपये है। यदि पहले परीक्षण के परिणामों की पुष्टि के लिए एक दूसरा परीक्षण किया जाना है, तो कुल लागत लगभग पांच हजार रुपये है। उपयोग की जाने वाली जांच किट जर्मनी से आयात की जाती हैं, जो ‘सीमित’ मात्रा में ही उपलब्ध हैं।

हालांकि सरकार ने परीक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाई है। इस समय देश भर में 126 सरकारी लैब और 50 निजी प्रयोगशालाएं कोरोनोवायरस का परीक्षण कर रही है। जांच किट के आयात में बढ़ातेरी भी हुई है। फिलहाल सरकार लगभग एक मिलियन आयात करने की योजना बना रही है।