साथ चलो तो बात बने…

साथ चलो तो बात बने…

क्या होगा कहने भर से मात्र दिखावा ऊपर से। मन से साथ निभाओ तो साथ हमारे आओ तो। सुख-दुख मिलकर सह लेंगे काँटों में भी रह लेंगे। मेरे गीत तुम्हारा स्वर गूँजेगा धरती-अम्बर। मागूँ साथ मुझे वह दो कुछ मत सोचो हाँ कह दो। मन में मत दुविधा पालो और न कुछ देखो-भालो। इस मन …

क्या होगा कहने भर से
मात्र दिखावा ऊपर से।
मन से साथ निभाओ तो
साथ हमारे आओ तो।

सुख-दुख मिलकर सह लेंगे
काँटों में भी रह लेंगे।
मेरे गीत तुम्हारा स्वर
गूँजेगा धरती-अम्बर।

मागूँ साथ मुझे वह दो
कुछ मत सोचो हाँ कह दो।
मन में मत दुविधा पालो
और न कुछ देखो-भालो।

इस मन को समझा लेंगे
दो रोटी कम खा लेंगे।
हर्षोत्सव दिन-रात मने
साथ चलो तो बात बने।

  • राजेंद्र श्रीवास्तव, विदिशा म.प्र.

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