Rajendra Srivastava
साहित्य 

साथ चलो तो बात बने…

साथ चलो तो बात बने… क्या होगा कहने भर से मात्र दिखावा ऊपर से। मन से साथ निभाओ तो साथ हमारे आओ तो। सुख-दुख मिलकर सह लेंगे काँटों में भी रह लेंगे। मेरे गीत तुम्हारा स्वर गूँजेगा धरती-अम्बर। मागूँ साथ मुझे वह दो कुछ मत सोचो हाँ कह दो। मन में मत दुविधा पालो और न कुछ देखो-भालो। इस मन …
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