कानपुर देहात: कोर्ट में बेहमई कांड की नहीं हो सकी बहस, 11 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

कानपुर देहात। कानपुर देहात में सोमवार देर शाम स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में बेहमई कांड के मुकदमें की सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट में पुकार के बाद भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता नही पहुंचे जिसकी चलते कोर्ट में बेहमई कांड की सुनवाई एक बार फिर टल गई है और कोर्ट ने मामले की बहस …
कानपुर देहात। कानपुर देहात में सोमवार देर शाम स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में बेहमई कांड के मुकदमें की सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट में पुकार के बाद भी बचाव पक्ष के अधिवक्ता नही पहुंचे जिसकी चलते कोर्ट में बेहमई कांड की सुनवाई एक बार फिर टल गई है और कोर्ट ने मामले की बहस के लिए 11 अप्रैल की तारीख तय की है।
नहीं पहुंचे अधिवक्ता
14 फरवरी 1981को बेहमई गांव में हुआ कांड में मुकदमें में कानूनी दांव पेंच के चलते अभी तक फैसला नहीं हो सका और कानपुर देहात में स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में बचाव पक्ष की बहस चल रही है।जिसके चलते सोमवार को एक बार फिर सुनवाई होनी थी जिसको लेकर कोर्ट ने बकायदा पुकार कराई गई।लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता नहीं हाजिर हो सके और कोर्ट को जानकारी दी गई कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे के दूसरी कोर्ट में अन्य मामले में व्यस्त है जिसके चलते स्पेशल जज डकैती की कोर्ट बेहमई कांड की बहस एक बार फिर से टल गई।
क्या बोले डीजीसी
डीजीसी राजू पोरवाल ने बताया कि बेहमई कांड में बहस सोमवार को होनी थी लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता के कोर्ट में निश्चित समय पर हाजिर नहीं हो पाए जिसके चलते बहस एक बार फिर टल गई है और कोर्ट ने बहस के लिए 11 अप्रैल की तारीख तय करी है।
क्या था मामला
कानपुर देहात में 14 फरवरी 1981 फूलन और उसके साथ डकैत मुस्तकीम, रामप्रकाश और लल्लू गैंग के तकरीबन 35-36 लोगों ने बेहमई गांव को घेर लिया। घरों में लूटपाट शुरू कर दी।आदमियों को को घर से बाहर खींचकर लाया गया।सभी गांव में एक टीले के पास 26 लोगों को इकट्ठा किया गया। इसके बाद फूलन और उसके साथियों ने उन (26 लोगों) पर ताबड़तोड़ 4 से 5 मिनट तक गोलियां बरसाईं। जिसमें से 20 लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हो गए। इसके बाद फूलन व उसके साथ आए डकैत गांव से निकल गए।
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