कोविड से बचे तो हार्ट अटैक ले रहा जान, जानिए क्या बोले विशेषज्ञ…

अमृत विचार संवाददाता/लखनऊ। अच्छा भला व्यक्ति अचानक डांस करते-करते गिर जाए और उसकी मृत्यु हो जाए या फिर अचानक बाथरूम में नहाते हुए दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। इस तरह की खबरें मन को विचलित करती हैं। इसके साथ ही लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि आखिर ऐसे …

अमृत विचार संवाददाता/लखनऊ। अच्छा भला व्यक्ति अचानक डांस करते-करते गिर जाए और उसकी मृत्यु हो जाए या फिर अचानक बाथरूम में नहाते हुए दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। इस तरह की खबरें मन को विचलित करती हैं। इसके साथ ही लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि आखिर ऐसे कैसे किसी भी व्यक्ति की अचानक मौत हो सकती है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही बरेली और मैनपुरी में होने वाली मौत में असल में क्या हुआ यह तो कहना मुश्किल है लेकिन पहली नजर में हार्ट में शॉर्ट सर्किट जैसा कुछ हुआ होगा। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पोस्ट कोविड के बाद कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़े हैं।

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि शादी में डांस करते वक्त, स्टेज पर परफॉर्मेंस देते समय या फिर जिम में एक्सरसाइज करने के समय मौत होने के पीछे बड़ी वजह दिल का किसी भी बीमारी में पहले से ग्रस्त होना है। हालांकि, ऐसा हर मामले में हो, यह भी जरूरी नहीं है।” उन्होंने बताया कि कई बार किसी मामले को लेकर अधिक उत्साह (एक्साइटमेंट) से भी कार्डियक अरेस्ट हो जाता है।

डॉ. भुवन कहते हैं, ”कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) किसी भी सामान्य व्यक्ति को हो सकता है। कई बार ज्यादा उत्साहित होने के चलते कारण ”एड एनर्जी ड्राइव” बढ़ जाती है। हार्ट कोलैप्स कर जाता है। हार्ट के मसल स्ट्रांग होने के कारण ”एड एनर्जी ड्राइव” के दौरान उनके मसल में सिकुड़न ज्यादा होने के केस भी सामने आए हैं। ऐसे समय में हार्ट का रिदम बिगड़ जाता है और कार्डियक अरेस्ट से अचानक मौत भी हो जाती है।”
क्या होता है इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट

विशेषज्ञों का मानना है कि हृदय में कंडक्शन सिस्टम होता है, जिसमें इलेक्ट्रिकल करंट एक जगह से दूसरे जगह तक चलता है। इसकी वजह से हृदय में सिकुड़न होती है और नॉर्मल सीक्वेंस में हार्ट बीट करता है। नॉर्मल हृदय गति एक मिनट में 72 बार धड़कता है। मगर, जब यह रेट 200-250 या 300 बीट प्रति मिनट हो जाती है, तो हार्ट इफेक्टिव तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाता है और ब्रेन में सप्लाई न पहुंचने के कारण मौत हो जाती है।

एसजीपीजीआई के प्रसिद्ध कर्डियोलॉजिस्ट प्रो. आदित्य कपूर का कहना है कि यह बात किसी हद तक सही है कि हाल के दिनों में कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। इससे पहले 2015-16 के दौर में भारत में सालाना 7 लाख कार्डियक अरेस्ट के मामले दर्ज किये जाते थे, पर अब इनका प्रोजेक्शन करीब 12 लाख हो गया है। चिंता का विषय यह भी है कि भारत में कार्डियक अरेस्ट के केस में सर्वाइवल रेट महज एक प्रतिशत के करीब है। हमें क्यूरेटिव मेजर्स के अलावा प्रीवेंटिव मेजर्स पर भी ध्यान देने के जरूरत है।”

  • कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ने के कारण
  • लाइफ स्टाइल में चेंज, इसके पीछे बड़ा कारण है
  • इरेटिक वर्किंग टाइम शेड्यूल
  • नॉट गुड स्लीप यानी नींद पूरी न होना
  • टोबैको का सेवन और स्मोकिंग की आदत
  • भोजन की थाली में पौष्टिक खाना कम होना
  • फल व हरी सब्जियां कम खाना

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