वैश्विक सुरक्षा का मुद्दा

वैश्विक सुरक्षा का मुद्दा

बढ़ते वैश्विक तनाव के समय में व्लादिमीर पुतिन ने 5 वीं बार रूस के राष्ट्रपति का पद संभाल लिया है। मंगलवार को एक समारोह में पुतिन ने कहा कि अपनी शक्ति के भीतर वो सब कुछ करेंगे, जो वह देश के लिए कर सकते हैं। बीते करीब 25 वर्षों से देश की सत्ता पर काबिज पुतिन, जोसेफ स्टालिन के बाद राष्ट्रपति के पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले रूस के पहले नेता बन गए हैं।

1999 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन का उत्तराधिकारी बनने के बाद से पुतिन ने रूस को आर्थिक पतन से उबारते हुए एक ऐसे देश के रूप में तब्दील कर दिया है, जिसे पश्चिम देश वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं। इस बीच पुतिन ने एक बार फिर दुनिया को तनाव में डाल दिया है। रूस ने पहली बार सार्वजनिक रूप से सामरिक परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास का ऐलान किया है। रूस ने 6 मई को कहा कि वह एक सैन्य अभ्यास करेगा जिसमें सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अभ्यास शामिल होगा।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास का आदेश राष्ट्रपति पुतिन ने दिया था।  आखिर रूस ने ऐसा किया क्यों, रूस के इस कदम का यूक्रेन के साथ जंग पर असर क्या पड़ेगा? असल में रूस ने यह कदम तब उठाया है जब कुछ दिन पहले ही पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ बयानबाजी की थी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में कहा था वह यूक्रेन में सेना भेजने के विचार से इनकार नहीं कर रहे हैं। 

वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि कीव की सेना रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए ब्रिटेन के लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग कर सकेगी। यानि रूस का ये फैसला नाटो और फ्रांस के सैनिकों को सीधे तौर पर जंग में शामिल होने के संकेतों के बीच आया है। मौजूदा वक्त में रूस ने अब जिस तरह का कदम उठाया है उससे दुनिया के देशों की चिंताएं बढ़ने वाली हैं। क्योंकि परमाणु हथियार कितने खतरनाक होते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर किसी भी देश ने परमाणु बम का इस्तेमाल किया तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।

रूस में ये घटनाक्रम ऐसे वक्त में हो रहा है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग यूरोप के दौरे पर हैं। महत्वपूर्ण है कि जैसे-जैसे रूस और पश्चिम के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, पुतिन की आक्रामक मुद्रा और परमाणु विध्वंसक क्षमता के संभावित प्रभावों को देखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सतर्क बना हुआ है।