मुरादाबाद : मनमाना 'सिस्टम', शव के पोस्टमार्टम में 'कागज' का लंबा इंतजार

दो श्रमिकों की मौत : हादसे के बाद निर्धन परिवारों का दुख बांटना तो दूर, पोस्टमार्टम में भी लेट-लतीफी

मुरादाबाद : मनमाना 'सिस्टम', शव के पोस्टमार्टम में 'कागज' का लंबा इंतजार

निर्मल पांडेय, अमृत विचार। मौत के बाद शव के पोस्टमार्टम के लिए भी शोकाकुल परिजन को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इसकी वजह है मनमाना ''सिस्टम''। सोमवार शाम पांच बजे बुद्धि विहार में गोल चक्कर के पास हुए हादसे में दो श्रमिकों की मौत हो गई थी। मंगलवार को दोनों श्रमिकों के शव का सुबह 10 बजे तक भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। थाने से पोस्टमार्टम हाउस पर पंचनामा के कागज ही नहीं पहुंचे थे।

कारण जानने के लिए मझोला थानाध्यक्ष कमलेश कांत वर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव करा रहे हैं। कागजों के संबंध में दीवान से बात कर रहे हैं। उधर, दीवान सुखपाल सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शाम छह बजे के बाद किसी भी शव का सामान्य परिस्थिति में पोस्टमार्टम नहीं होता है और डॉक्टर सुबह 10 बजे के बाद पहुंचते हैं। इसीलिए कागज नहीं भेजे गए थे, अब वह कुछ ही देर में पोस्टमार्टम हाउस पर कागज भेज रहे हैं। पोस्टमार्टम हाउस पर सुबह 10.30 बजे के दौरान पंचनामा के कागज और डॉक्टर के आने के इंतजार में हादसे में मारे गए श्रमिक राजू और करन सिंह के परिजन थे। यहां मौजूद लोगों में अतर सिंह, सुशील, शिवम, आकाश, जय प्रकाश, राजेश पाल, जय, अशोक, तुलाराम, महिलपाल, रोहित, विजेंद्र, हंसराज, सूरज, विशाल समेत कई अन्य लोग थे। 

ये सभी, एक तो दो निर्धन परिवार के मुखिया असमय काल के गाल में समा गए, उससे दुखी थे और दूसरे मनमाने ''सिस्टम'' के आगे बेबस थे। परिजनों ने सवाल कर कहा कि सोमवार शाम को हादसे में दो श्रमिकों की मौत हो गई? इसके बाद भी किसी ने कोई संज्ञान तक नहीं लिया, पूरी रात शव पोस्टमार्टम हाउस में रखे रहे। अब पोस्टमार्टम के लिए अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा, ये निश्चित नहीं है। घर में कोहराम मचा है। महिलाएं-बच्चे सब हादसे के दिन से रो रहे हैं।

हादसे के 19 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम
धीरे-धीरे सुबह के 11 बज गए थे। लेकिन, मझोला थाने से पंचनामा के कागज पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंच पाए थे। शोकाकुल परिजन पोस्टमार्टम न होने की वजह से व्यवस्था को कोस रहे थे। जहां जिसकी पहचान, वहां फोन कर कागज जल्दी भिजवाने और पोस्टमार्टम कराने को मनुहार कर रहा था। 11.30 बजे कांस्टेबल विकास चौधरी पंचनामा के कागज लेकर पोस्टमार्टम हाउस पर हाजिर हुए। फिर पोस्टमार्टम हाउस में डॉक्टर भी आ चुके थे। 12.20 बजे तक दोनों शवों का पोस्टमार्टम भी हो गया। इस तरह हादसे के 19 घंटे में दोनों श्रमिकों के शवों के पोस्टमार्टम हो पाया।

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