गोंडा: समाधान दिवस में शिकायतों का अंबार, जमीनी मामलों के बोझ से हांफ रही पुलिस

गोंडा। आम जन मानस को सुलभ तरीके से न्याय मिल सके इसके लिए तहसील व थाने स्तर पर समाधान दिवस का आयोजन किया जा रहा है लेकिन यह समाधान दिवस महज औपचारिकता बनकर रह गए हैं। इसका कारण यह है कि समाधान दिवस में आने वाले 80 फीसदी मामले जमीनी विवाद से आ रहे हैं। …
गोंडा। आम जन मानस को सुलभ तरीके से न्याय मिल सके इसके लिए तहसील व थाने स्तर पर समाधान दिवस का आयोजन किया जा रहा है लेकिन यह समाधान दिवस महज औपचारिकता बनकर रह गए हैं। इसका कारण यह है कि समाधान दिवस में आने वाले 80 फीसदी मामले जमीनी विवाद से आ रहे हैं।
इन मामलों के निस्तारण में पुलिस को पसीना छूट रहा है और पुलिस इन शिकायतों के बोझ से हांफ रही है। शनिवार को जिले के धानेपुर थाने पर आयोजित समाधान दिवस में कुल 13 शिकायती पत्र आए जिसमें से 10 मामले जमीनी विवाद से जुड़े थे। इनमें से महज 3 मामलों का ही निस्तारण हो सका। बचे हुए मामलों में पुलिस व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम का गठन कर उनके निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।
यही हाल नगर कोतवाली का रहा। नगर कोतवाली में भी 14 शिकायती पत्र आए। यहां डीएम एसपी की मौजूदगी के बावजूद महज तीन शिकायतें निस्तारित की जा सकी। शेष में टीमों का गठन किया गया। लगभग यही स्थिति जिसे भर के थानों की रही। जिलाधिकारी डा उज्जवल कुमार का कहना है कि जमीन से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीमों का गठन किया गया है और शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्गेश दिए गए हैं।
चकमार्ग की पैमाइश के लिए नहीं मिली फोर्स
गोंडा। समाधान दिवस में आने वाले शिकायतों के निस्तारण को लेकर पुलिस व राजस्व विभाग कितना गंभीर है इसकी बानगी शनिवार को धानेपुर थाने पर देखने को मिली। माधवगंज के मजरे टहलुवनपुरवा के रहने वाले प्रदीप कुमार सोनकर ने बताया कि उसके गांव में कुछ लोगों ने सार्वजनिक चकमार्ग पर कब्जा कर रखा है। इस कब्जे को हटाकर रास्ता खाली कराने के लिए वह धानेरुर थाने पर समाधान दिवस में पांच बार शिकायत पत्र दे चुका है लेकिन हर बार राजस्व विभाग के कर्मचारी फोर्स न मिलने का बहाना बनाकर मामले को टाल दे रहे है।
शनिवार को प्रदीप ने फिर से इसकी शिकायत की के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार गुप्ता ने लेखपाल व हल्के के सिपाही को तलब कर लिया। एसओ ने मामले के निस्तारण न होने को लेकर सवाल किया तो दोनों कर्मचारी समुचित जवाब नहीं दे सके। इस पर प्रभारी निरीक्षक ने तत्काल पुलिस फोर्स लेकर रास्ता खाली कराने के निर्देश दिए।
जिन मामलों में टीम का गठन, वही रजिस्टर पर होती हैं दर्ज
गोंडा। समाधान दिवस में शिकायतों के निस्तारण में आंकड़ेबाजी भी खूब होती है। समाधान दिवस के रजिस्टर पर सिर्फ वहीं शिकायतें दर्ज की जाती हैं जिनके निस्तारण के लिए टीम का गठन किया जाता है। बाकी के मामले रजिस्टर पर दर्ज नहीं होते। जबकि हकीकत में इन शिकायतों की संख्या काफी अधिक होती है। यही कारण है कि अगले समाधान दिवस में वहीं शिकायतें फिर से थाने पर पहुंच जाती हैं।
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