सहजन में दूध की तुलना में पाया जाता है 4 गुना कैल्शियम और दाेगुना प्रोटीन, सेवन से ये बीमारियां होती हैं दूर

सहजन में दूध की तुलना में पाया जाता है 4 गुना कैल्शियम और दाेगुना प्रोटीन, सेवन से ये बीमारियां होती हैं दूर

कुछ लोगों को सहजन पसंद होती है कुछ लाेगों को बिल्कुल भी नहीं। ज्यादातर सहजन सांभर में खाई होगी। वैसे सहजन की फली, पत्ते और फूल तीन का प्रयोग सब्जी के तौर पर भी किया जाता है। सहजन के फूल प्रोटीन और कई तरह के विटामिन्स से भरपूर होते हैं। सहजन में दूध की तुलना …

कुछ लोगों को सहजन पसंद होती है कुछ लाेगों को बिल्कुल भी नहीं। ज्यादातर सहजन सांभर में खाई होगी। वैसे सहजन की फली, पत्ते और फूल तीन का प्रयोग सब्जी के तौर पर भी किया जाता है। सहजन के फूल प्रोटीन और कई तरह के विटामिन्स से भरपूर होते हैं। सहजन में दूध की तुलना में ४ गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। सहजन की फली वात व उदरशूल में पत्ती नेत्ररोग, मोच,शियाटिका ,गठिया में उपयोगी है। सहजन की जड़ दमा, जलोधर, पथरी,प्लीहा रोग के लिए उपयोगी है। छाल का उपयोग शियाटिका ,गठिया, यकृत आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है।

इन्फेक्शन का खतरा कम
इम्यूनिटी बूस्ट करने में सहजन के फूल काफी मददगार साबित होते हैं। इनको डाइट में शामिल करने से इन्फेक्शन का खतरा कम होता है। drumstick के फूल एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के असर को कम करने में मददगार बनते हैं। महिलाओं की यूटीआई की दिक्कत से राहत देने में सहजन के फूल काफी मदद करते हैं. इन फूलों को डाइट में शामिल करने से इंफेक्शन तो दूर होता ही है साथ ही सूजन और मांसपेशियों के दर्द से भी आराम मिलता है.

पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है
drumstick के फूलों में फाइबर की मात्रा काफी होती है जिसकी वजह से ये फूल पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इन फूलों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो पेट के इंफेक्शन, अल्सर, कब्ज़ और गैस जैसी परेशानी से राहत देने में भी मदद करते हैं।

मोटापे को करे दूर
वेट लॉस में भी drumstick के फूल काफी अच्छी भूमिका निभाते हैं। इन फूलों में क्लोरोजेनिक एसिड नाम का एंटी-ऑक्सीडेंट मौजूद होता है। ये बॉडी में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में मदद करता है। इतना ही नहीं फूलों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाये रखता है और भूख को भी कंट्रोल करता है।

 बढ़ती है पौरुष शक्ति
पौरुष शक्ति बढ़ाने में भी सहजन के फूल मदद करते हैं. इन फूलों को डाइट में शामिल करने से थकान और कमजोरी दूर होती है और शक्ति बढ़ती है।

प्रसूताओं में दूध बढ़ता है दूध
कई बार प्रसूताओं को दूध कम बन पाता है। इसके लिए सहजन के फूलों की मदद ली जा सकती है। सहजन के फूलों को डाइट में शामिल करने से प्रसूताओं के स्तन में दूध की वृद्धि होती है।

अल्जाइमर और पार्किंसंस का खतरा होता है कम
सहजन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकता है। बढ़ती उम्र का असर मस्तिष्क पर भी हो सकता है और मस्तिष्क संबंधी बीमारी जैसे–अल्जाइमर और पार्किंसंस के खतरे को कम करता है। ऐसे में सहजन का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है। यह नोओट्रॉपिक यानि एक दवा की तरह काम कर सकता है। अल्जाइमर रोगियों में यानी जिन्हें भूलने की बीमारी हो जाती है, उनमें याददाश्त तेज या सुधार करने में भी सहायक हो सकता है।

एंटी-एजिंग
बढ़ती उम्र का असर चेहरे पर भी दिखने लगता है, नतीजतन चेहरे की चमक कम होने लगती है और झुर्रियां बढ़ने लगती हैं। ऐसे में आप में से कई लोग एंटी-एजिंग क्रीम का भी सहारा लेते होंगे, जिसका असर कुछ वक्त तक ही रहता है। इस कारण इसका उपयोग बार-बार करने की जरूरत होती है। अपने डाइट में सहजन को या इसकी पत्तियों को शामिल कर सकते हैं।

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