प्रयागराज: उच्चस्तरीय घोटालों की जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन करने की मांग

प्रयागराज: उच्चस्तरीय घोटालों की जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन करने की मांग

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट में नौकरशाहों, राजनेताओं और बड़े उद्योगपतियों द्वारा लगभग 100 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का गबन करने के मामले में जनहित याचिका दाखिल कर केंद्र और राज्य के खजाने से गबन  किए गए धन तथा संपत्तियों की वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीशों की न्यायिक समिति के गठन की मांग की गई है। 

याची ने बताया कि उन्होंने घोटाले के बारे में पूछताछ करने के लिए विभिन्न राज्यों में आरटीआई दाखिल की थी, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 24 के तहत ऐसी सूचना देना वर्जित है। याची ने यह भी आरोप लगाया है कि पिछली केन्द्र सरकार के दौरान सबसे अधिक घोटाले किए गए। घोटालों के कारण देश की वृद्धि, अर्थव्यवस्था और जीडीपी में भारी गिरावट आई। याची ने कोर्ट को यह भी बताया कि कानून प्रवर्तन विभाग धोखेबाजों से धन वसूलने में असमर्थ है। अतः इसके लिए एक न्यायिक समिति का गठन होना चाहिए। 

प्रयागराज निवासी प्रतीक शुक्ला नाम के व्यक्ति द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस संबंध में दाखिल यह तीसरी जनहित याचिका है। अंत में याचिका वापस लेने की शर्त पर खारिज कर दी गई।

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