एक और झटका: संसद में अब धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर भी रोक ! कांग्रेस बोली- D(h)arna मना है
नई दिल्ली। देश की दोनों सदनों यानि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान बोले जानेवाले शब्दों की एक लिस्ट बनाई गई है जिसे अब असंसदीय की श्रेणी में रखा जाएगा। इसे लेकर अभी विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर थी हीं कि अब एक और आदेश पारित हो गया, जिसे लेकर विपक्ष और हंगामें …
नई दिल्ली। देश की दोनों सदनों यानि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान बोले जानेवाले शब्दों की एक लिस्ट बनाई गई है जिसे अब असंसदीय की श्रेणी में रखा जाएगा। इसे लेकर अभी विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर थी हीं कि अब एक और आदेश पारित हो गया, जिसे लेकर विपक्ष और हंगामें के मूड में है। दरअसल, मानसून सत्र से पहले संसद में एक नया आदेश पारित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि संसद में किसी भी धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्यसभा के महासचिव के ताजा आदेश के अनुसार, संसद सदस्य किसी भी धरने या हड़ताल के लिए इसके परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी के आदेश में कहा गया है, संसद के सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास, या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं। आदेश के मुताबिक, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके साथ-साथ कोई धार्मिक कार्यक्रम भी वहां नहीं आयोजित हो सकेगा। इस फैसले पर विपक्ष भड़क गया है।
इस आदेश के बाद कांग्रेस नेता एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने राज्यसभा के महासचिव के आदेश पर तंज कसा है। जयराम रमेश ने राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के ताजा आदेश को ट्विटर पर साझा किया और लिखा है, विश्गुरु का नवीनतम साल्वो, D(h)arna मना है!
Vishguru's latest salvo — D(h)arna Mana Hai! pic.twitter.com/4tofIxXg7l
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 15, 2022
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इसपर ट्वीट किया, पीठासीन अधिकारी सदस्यों के साथ टकराव का मंच तैयार क्यों कर रहे हैं। पहले असंसदीय शब्दों पर टकराव और अब यह। ये सच में दुर्भाग्यपूर्ण है।
Why are the Presiding officers setting the stage for confrontation with the Members ? First the word war & now this.
It is indeed unfortunate. @ombirlakota @MVenkaiahNaidu pic.twitter.com/FFXJUs5wFf— Manish Tewari (@ManishTewari) July 15, 2022
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के ‘कोई शब्द बैन नहीं’ बयान पर गुरुवार को ट्वीट किया, “संसद…केवल आपकी सीमित शब्दावली का विस्तार करने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने लिखा, “सरकार को भ्रष्ट मत कहो…यूं कहें कि उन्होंने लोगों के पैसे चुरा लिए हैं।” दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्दों’ का एक संकलन तैयार किया था।
Parliament has not 'banned' any words. Parliament is only trying to expand your limited vocabulary
Don't be 'ashamed'. Just say you are 'mortified' by the Government's conduct
Dont call the government 'corrupt'. Just say they have stolen the people's money
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 14, 2022
If the government is 'incompetent', will it be right to describe it as an unparliamentary government?
If the law is 'abused' by the investigating agencies, will it be correct to accuse them of unparliamentary behaviour and haul them up before the Committee on Privileges?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 14, 2022
असंसदीय शब्दों की नई सूची पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इस देश में अगर कोई बोलता है कि कोई शब्द असंसदीय है, ये मैं मानने को तैयार नहीं। ये देश सभ्य है। इस देश की सबसे बड़ी ताकत विनम्रता है। अगर ये कोई मानने को तैयार नहीं तो उन्हें अब बताना पड़ेगा ये देश क्या है, इसका इतिहास क्या है।
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