सियासी किस्सा: अपनी दादी के पोज में धरने पर बैठे राहुल गांधी की इस तस्वीर की असली कहानी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने दूसरी बार पेश हुईं। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में सोनिया से 21 जुलाई को पूछताछ की थी। गौरतलब है कि सोनिया गांधी के साथ उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस नेता …
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने दूसरी बार पेश हुईं। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में सोनिया से 21 जुलाई को पूछताछ की थी। गौरतलब है कि सोनिया गांधी के साथ उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी ईडी दफ्तर पहुंचे। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया। उनका दावा महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल का है। हालांकि, असल मसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का विरोध है।
मंगलवार को सोनिया दूसरी बार ईडी अफसरों के सामने पेश हुईं। इधर संसद से विजय चौक तक कांग्रेस सांसदों ने मार्च निकाला। बाद में राहुल गांधी समेत सभी सांसद यहीं धरने पर बैठक गए। दिल्ली पुलिस ने कुछ देर बाद सभी को हिरासत में ले लिया। धरने पर बैठे राहुल गांधी की एक तस्वीर कांग्रेसी खूब वायरल कर रहे हैं।
कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक फोटो ट्वीट की गई है। एक तरफ इंदिरा हैं और दूसरी तरफ आज के राहुल गांधी। कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम लिखती है कि ‘इतिहास दोहरा रहा है…।’ पर क्या सच में ऐसा है? क्या इंदिरा भी तब प्रवर्तन निदेशालय या किसी सरकारी एजेंसी के खिलाफ धरने पर बैठी थीं?
कांग्रेस ने इंदिरा और राहुल की तस्वीरों के साथ लिखा है कि ‘इतिहास दोहरा रहा है…’। साथ ही रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ का एक हिस्सा पोस्ट किया गया है। जो दो लाइनें लिखी गई हैं, वो यूं हैं- जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बाँध मुझे। बांधने मुझे तो आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है?
घनघोर अंधेरे में उम्मीद की एक किरण…#ReleaseRahulGandhi pic.twitter.com/lisV23KLWW
— Prem Raj (@rjukumar123) July 26, 2022
राहुल के अनुसार, वह ‘बेरोजगारी’ और ‘महंगाई’ जैसे मसलों के खिलाफ धरने पर बैठे। पुलिस हिरासत में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, सभी सांसद यहां पर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात की लेकिन ये (पुलिस) लोग हमें बैठने नहीं दे रहे हैं और हमें हिरासत में ले रहे हैं। हम बेरोजगारी, महंगाई, देश की जनता की आवाज को उठा रहे हैं। ये जो पूरा सिस्टम है, इसको अंबानी-अडानी चला रहे हैं, ये अंबानी-अडानी की सेना है।
जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,
हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?इतिहास दोहरा रहा है…#SatyagrahaWithSoniaGandhi pic.twitter.com/wroc7cLtk9
— Congress (@INCIndia) July 26, 2022
इंदिरा गांधी ने क्यों दिया था धरना?
इंदिरा गांधी की यह तस्वीर मशहूर फोटोग्राफर रघु राय ने खींची थी। उनकी किताब A Life in the Day of Indira Gandhi में यह तस्वीर भी छपी है। धरने पर बैठीं इंदिरा की यह फोटो 1977 के आम चुनाव के नतीजे आने के बाद की है। इंदिरा को खुफिया एजेंसी IB से लेकर कई कांग्रेसियों ने भरोसा दिया था कि उनकी सत्ता में वापसी होगी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं।
स्वतंत्रता के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर हुई। इंदिरा खुद रायबरेली सीट से चुनाव हार गई थीं। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। यह बात दीगर है कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और इंदिरा कुछ साल बाद सत्ता में वापस लौटीं।
तानाशाही देखिए, शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं कर सकते, महंगाई और बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं कर सकते।
पुलिस और एजेंसियों का दुरूपयोग करके, हमें गिरफ़्तार करके भी, कभी चुप नहीं करा पाओगे।
'सत्य' ही इस तानाशाही का अंत करेगा। pic.twitter.com/M0kUXcwH8L
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2022
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