उदयपुर हत्याकांड : कांग्रेस के दो बड़े नेता आमने-सामने, कहा- दूसरी बार लक्ष्मण रेखा लांघने से पहले सोच लेते

नई दिल्ली। कांग्रेस के दो नेता जयराम रमेश और आचार्य प्रमोद कृष्णम आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उदयपुर हत्याकांड पर अपनी ही पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार करने से पहले…एक बार सोचना तो चाहिए था। दरअसल, प्रमोद …
नई दिल्ली। कांग्रेस के दो नेता जयराम रमेश और आचार्य प्रमोद कृष्णम आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उदयपुर हत्याकांड पर अपनी ही पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार करने से पहले…एक बार सोचना तो चाहिए था। दरअसल, प्रमोद कृष्णम ने लिखा था, धमकी के बावजूद कन्हैया को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई…कातिलों के साथ पुलिस व प्रशासन भी दोषी है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को आगाह किया कि वे राजस्थान में मंगलवार को एक दर्जी की निर्मम हत्या के मामले में लक्ष्मण रेखा पार ना करें और अपनी ही सरकार से सवाल करें।
कृष्णम ने उदयपुर की घटना में पुलिस की ढिलाई पर सवाल उठाते हुए कहा था, धमकी दिए जाने के बाद हत्यारों के साथ कन्हैया लाल (उदयपुर पीड़ित), पुलिस को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई, एसएसपी डीआईजी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। आचार्य सचिन पायलट के जाने माने समर्थक हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आलोचक रहे हैं।
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, रमेश ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, आपने दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार की है और आपने जो लिखा है वह तथ्यात्मक रूप से गलत है। रमेश ने कहा, सर्वदलीय बैठक करके और वास्तव में सभी के सुझावों को सुनकर, सीएम ने दिखाया है कि कैसे विश्वास पैदा करना और शांति को बढ़ावा देना है, कांग्रेस लोकतांत्रिक परंपराओं और मानदंडों को मजबूत करती है, खासकर संकट के समय।
इससे पहले, कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने की सलाह दी थी, जिसके बाद रमेश ने कहा था कि न तो कृष्णम पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता हैं और न ही यह एक आधिकारिक पार्टी लाइन है।
उदयपुर आतंकी वारदात पर सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के साथ चर्चा कर मुख्यमंत्री श्री @ashokgehlot51 ने सच्चे राजनेता के नाते लोकतांत्रिक परम्पराओं का ईमानदारी से निर्वाह किया। सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में इस बर्बरता की निंदा कर जनता से शांति की अपील की है। सभी के वक्तव्य:- pic.twitter.com/2UKHnP7tjV
— Congress (@INCIndia) June 29, 2022
उदयपुर में श्री कन्हैया लाल के निवास पर पहुंचकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की एवं शोकाकुल परिजनों से मिलकर इस अत्यंत दुःखद समय में उन्हें ढांढस बंधाया। सरकार इस दुःख की घड़ी में पूरी तरह उनके साथ है। pic.twitter.com/0qxxJJto8M
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 30, 2022
दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार करने से पहले एक बार तो सोचना चाहिए था आदरणीय प्रमोद त्यागी जी। जो आपने लिखा है वो वैसे भी तथ्यों से बहुत परे है। https://t.co/B9BUcjTsvt
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 29, 2022
धमकी मिलने के बावजूद भी “कन्हैया”
को सुरक्षा उपलब्ध क्यूँ नहीं करायी गयी, क़ातिलों के साथ साथ “पुलिस”
प्रशासन भी बराबर का दोषी है,SSP DIG के ख़िलाफ़ अभी तक कार्यवाही क्यूँ नहीं की गयी, क्या “राजस्थान” में “सरकार” का इक़बाल बिलकुल ख़त्म हो गया है…??? https://t.co/tTQWY6pzAu— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) June 28, 2022
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