जबरन गुमशुदगी होने को जघन्य अपराध बनाने वाला विधेयक पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में फिर से पारित

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने जबरन गुमशुदगी को जघन्य अपराध घोषित करने से संबंधित विधेयक को दोबारा पारित कर दिया। कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक, 2022 से विवादास्पद धारा 514 को वापस लेने पर सहमति जताई थी, जिसके बाद शुक्रवार को विधेयक पारित कर दिया …
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने जबरन गुमशुदगी को जघन्य अपराध घोषित करने से संबंधित विधेयक को दोबारा पारित कर दिया। कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक, 2022 से विवादास्पद धारा 514 को वापस लेने पर सहमति जताई थी, जिसके बाद शुक्रवार को विधेयक पारित कर दिया गया।
इस विधेयक में झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों को सजा देने का प्रावधान है। ‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, कई सांसदों ने धारा 514 का विरोध किया और वर्तमान स्वरूप में विधेयक को वोट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद धारा को हटा दिया गया। विरोध करने वालों में ज्यादातर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पार्टियों के सांसद थे। धारा में गुमशुदगी के बारे में झूठी शिकायत या जानकारी देने वाले को पांच साल कैद की सजा देने और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान था।
निचले सदन नेशनल असेंबली ने पिछले साल नवंबर में विधेयक को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, सरकार को इसे दोबारा असेंबली में पेश करना पड़ा क्योंकि सीनेट यानी उच्च सदन ने बृहस्पतिवार को कुछ संशोधनों के साथ विधेयक पारित किया था। विधेयक को अधिनियम का रूप देने के लिए सीनेट को फिर से इसे पारित करना होगा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान, कराची और कबायली इलाकों में वर्षों से जबरन गुमशुदगी के मामले सामने आते रहे हैं। इन क्षेत्रों में सुरक्षा बल आतंकवादियों और विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहे हैं।
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