बरेली: शुगर से बचना है तो तनाव कम लें, खुशहाल रहें

बरेली: शुगर से बचना है तो तनाव कम लें, खुशहाल रहें

बरेली, अमृत विचार। यूपी डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय यूपीडीकॉन कार्यक्रम रविवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन दूरदराज से आए विशेषज्ञों ने मधुमेह पर परिचर्चा कर आम लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। दूसरे दिन दो सेशन हुए जिसमें विभिन्न विषयों पर परिचर्चा की गई। इस दौरान विशेषज्ञों …

बरेली, अमृत विचार। यूपी डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय यूपीडीकॉन कार्यक्रम रविवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन दूरदराज से आए विशेषज्ञों ने मधुमेह पर परिचर्चा कर आम लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। दूसरे दिन दो सेशन हुए जिसमें विभिन्न विषयों पर परिचर्चा की गई। इस दौरान विशेषज्ञों ने शुगर से बचने के लिए तनाव कम लेने और खुशहाल जीवन व्यतीत करने की सलाह दी।

रविवार को आईएमए भवन में आयोजित कार्यक्रम के पहले सेशन में इस बीमारी के प्रति आमजनों को जागरूक करने के लिए पब्लिक-पेसेंट एजुकेशन कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान ज्यादातर लोग इस बीमारी से किन-किन अंगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, यह जानने के लिए उत्सुक दिखे। सवाल यह भी था कि इस रोग में शुगर लेवल को किस प्रकार संतुलित रखा जाए और ज्यादा आयु वर्ग के लोग अपनी दिनचर्चा में क्या परिवर्तन करें ताकि इस रोग से बचाव किया जा सके।

कार्यक्रम में मंच से लोगों के प्रश्नों के जवाब दे रहे दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डा. विवेका कुमार ने बताया कि इस बीमारी से बचने लिए जरूरी है कि कम से कम तनाव लें और ज्यादा से ज्यादा खुशहाल माहौल में रहने का प्रयास करें। बीमारी होने पर जो दवाएं दी जा रही हैं उनको नियमित रूप से लेते रहें और नियमित तौर पर शुगर लेवल की जांच कराते रहें। शुगर लेवल को संयमित करने के लिए नियमित योगा, व्यायाम और संतुलित भोजन का ही सेवन करें।

वहीं लखनऊ से कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे डा. अनुज माहेश्वरी ने मधुमेह रोग को संयमित करने के लिए दी जाने वाली इंसुलिन के विकल्पों के बारे में लोगों को बताया। यह भी बताया कि मधुमेह के दौरान यदि किसी अन्य रोग के कारण सर्जरी करानी पड़े तो इसके लिए किन सावधानियों को बरतना पड़ता है और किस प्रकार सर्जरी की प्रक्रिया को सफल बनाया जा सकता है। बीपी और हार्ट की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए बताया कि ऐसी स्थिति में दवाओं के साथ कुछ खास सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। ऐसे मरीजों को फाइनेंसियल लॉस और परिवार में किसी अपने की मृत्यु जैसी सूचना मिलने पर हार्ट अटैक जैसी स्थिति बन जाती है।

इन मरीजों के खानपान में व्हाइट शुगर की मात्रा को कम करें और कोलेस्ट्राल न बढ़ने दें। सोने और उठने का समय निर्धारित करें। इसके अलावा समय-समय पर बीपी, शुगर और कोलेस्ट्राल की जांच कराते रहना चाहिए। ऐसे में मरीजों को वायु प्रदूषण और धूम्रपान से बचाएं। डा. सरिता बजाज, डा. आलोक कुमार गुप्ता, डा. प्रभात अग्रवाल, डा. आभा गुप्ता, डा. अमित गुप्ता और डा. सुदीप सरन ने कोविड के दौरान मधुमेह का खतरा आदि विभिन्न विषयों पर जानकारी दी।

कार्यक्रम में डा. राजीव कुमार गोयल ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, डा. पीके बॉस ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन, डा. राजीव गुप्ता कोषाध्यक्ष, डा. अनूप आर्य मीडिया प्रभारी, डा. नरसिंह वर्मा अध्यक्ष यूपीडीए, डा. सुशोभित वर्मा आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।

फोटो गैलरी के माध्यम से लोगों को किया जागरूक
मधुमेह रोग में दवाओं के साथ खानपान व नियमित दिनचर्या सबसे ज्यादा जरूरी है। आईएमए भवन में कार्यक्रम के अवसर पर एक फोटो गैलरी भी तैयार की गई। गैलरी में मरीजों के लिए निर्धारित मैन्यू तैयार किया गया। मैन्यू में लोगों को जानकारी के लिए अलग-अलग प्लेटों में सुबह, दोपहर और शाम को लिए जाने वाले मिल को भी सांकेतिक तौर पर बाकायदा सजाया गया था। गैलरी में लोगों को जानकारी दे रहे डा. सौरभ गोयल ने बताया कि इसके अलावा गैलरी के माध्यम से धूम्रपान न करने व ज्यादा से ज्यादा प्रकृतिक खाद्य वस्तुओं को लेने के लिए प्रेरित करने की मंशा से ही गैलरी का आयोजन किया गया।