बरेली: अग्निपथ योजना के विरोध में उतरे किसान और छात्र, बोले- युवाओं के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

बरेली: अग्निपथ योजना के विरोध में उतरे किसान और छात्र, बोले- युवाओं के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

बरेली, अमृत विचार। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को देश भर में किसान संगठन अग्निपथ योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बरेली में भी किसान यूनियन ने प्रदर्शन किया। चौकी चौराहा के पास दामोदर पार्क में भारतीय किसान यूनियन और परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने संयुक्त रूप से …

बरेली, अमृत विचार। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को देश भर में किसान संगठन अग्निपथ योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बरेली में भी किसान यूनियन ने प्रदर्शन किया। चौकी चौराहा के पास दामोदर पार्क में भारतीय किसान यूनियन और परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने संयुक्त रूप से अग्निपथ योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। जिसमें अग्निपथ योजना को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही आंदोलन के दौरान गिरफ्तार सभी युवाओं को रिहा करने और उन पर लगे मुकदमे वापस लेने की भी माग की गई है।

युवाओं को गार्ड बनाना चाहती है सरकार
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि अब सेना में भर्ती सिर्फ 4 साल के कॉन्ट्रेक्ट की नौकरी के जरिए होगी। अग्निवीर नामक इन अस्थाई कर्मचारियों को न तो कोई रैंक दिया जाएगा और न ही 4 साल के बाद कोई ग्रेच्युटी या पेंशन सेवा समाप्त होने के बाद दी जाएगी। इसके अलावा सिर्फ एक चौथाई अग्निवीरों को ही सेना में पक्की नौकरी दी जाएगी।

जोकि सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे युवाओं के साथ ही देश के किसान और मजदूर परिवारों के लिए भी बहुत बड़ा धोखा है। वहीं जो भर्ती प्रक्रिया 2020-21 में शुरू हो चुकी थी, उसको बीच में रोकना युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है। इस दौरान किसान और छात्रों ने सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस योजना से साफ है कि सरकारी खर्चे पर नौजवानों को अग्निवीर बनाकर सरकार उन्हें अडानी, अंबानी और बाबा रामदेव जैसे लोगों को गार्ड के रूप में देना चाहती है।

राजनैतिक व्यक्तियों पर भी अग्निपथ योजना हो लागू
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को तुरंत निरस्त किया जाए, क्योंकि यह नौजवानों के हित में नहीं है। अगर अग्निपथ योजना ज्यादा प्रभावशाली है तो सरकार इसे राजनीतिक व्यक्तियों पर भी लागू करे। जिसमें चुनाव की अवधि पांच साल से घटाकर चार वर्ष और प्रत्याशी को सिर्फ एक बार चुनाव लड़ने का अवसर मिले।

साथ ही उनसे लिखित में हलफनामा लिया जाए कि वह पेंशन की मांग नहीं करेंगे और चार साल बाद अग्निवीर के रूप में सेना में भर्ती भी होंगे। चाहें इसके लिए राजनैतिक लोगों को आयु सीमा में छूट ही क्यों न देनी पड़े। इसके अलावा हर विधायक, सांसद, जज, वकील, इंजीनियर, उद्योगपति आदि की बच्चों को भी अनिवार्य रूप से चार साल अग्निवीर के रूप में देश की सेवा करना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही किसानों और छात्रों ने मांग करते हुए कहा कि ठेका प्रथा पर रोक लगाने के साथ ही सरकारी संस्थानों को बेचना बंद किया जाए और सेना और अर्ध सैन्य बलों समेत सरकारी विभागों में खाली पड़े सभी पदों पर स्थायी नियुक्तियां की जाएं।

इफको फैक्ट्री से ग्राम सभा की जमीन दिलाने की मांग
धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों ने इफको आंवला इकाई द्वारा सेंधा के पुराने मुख्य मार्ग को बन्द करने का भी विरोध जताया। किसानों का कहना है कि इफको आंवला इकाई ने सेंधा के पुराने मुख्य मार्ग को बन्द कर दिया है, जो कि सेंधा ग्राम सभा (गाटा संख्या 287) में है। किसानों की मांग है कि इसे लेकर उच्च स्थतरीय कमेटी का गठन कर जांच करके कार्रवाई की जाए और गांव के इस पुराने रास्ते को फिर से शुरू किया जाए।

साथ ही जिन ग्राम सभाओं पर इफको आंवला ईकाई ने अवैध कब्जा कर रखा है, उसे लेकर इफको आंवला ईकाई पर मुकदमा दर्ज कराया जाए और अवैध कब्जे को मुक्त कराया जाए। किसानों ने कहा कि सन 1984 में अधिग्रहण के समय सरकार और इफको प्रशासन के बीच में एक लिखित समझौता हुआ था, जिसमें उल्लेख किया गया था कि सन्यंत्र निर्माण के बाद ग्राम सभा की बची हुई शेष भूमि को सम्बन्धित ग्राम सभा को लौटानी होगी, लेकिन इफको आंवला इकाई प्रशासन ने इस संदर्भ में आज तक कोई कार्यवाही नहीं की, जबकि इफको आंवला इकाई के पास कई एकड़ ग्राम सभा की भूमि बची हुई है, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है।

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