बरेली: 455 साल पुरानी रामलीला का मंचन 20 सितंबर से होगा शुरू, तैयारियां पूर्ण

बरेली: 455 साल पुरानी रामलीला का मंचन 20 सितंबर से होगा शुरू, तैयारियां पूर्ण

बरेली, अमृत विचार। दशहरा पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस वर्ष भी रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से 455 वर्ष पुरानी रामलीला का मंचन 20 सितंबर से 7 अक्टूबर तक किया जाएगा। आयोजन को लेकर लोगों में उत्साह है। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण रामलीला का मंचन …

बरेली, अमृत विचारदशहरा पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस वर्ष भी रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से 455 वर्ष पुरानी रामलीला का मंचन 20 सितंबर से 7 अक्टूबर तक किया जाएगा। आयोजन को लेकर लोगों में उत्साह है। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण रामलीला का मंचन भव्य रूप से नहीं किया जा रहा था। इस बार धूमधाम से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

जनपद में पहला व प्रदेश में तीसरी सबसे प्राचीन रामलीला
रामलीला समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा बताते हैं कि यहां होने वाली रामलीला का मंचन 455 वर्षों से किया जा रहा है, लेकिन तुलसी कृत रामायण ग्रंथ के अनुसार होने वाली पारंपरिक रामलीला के मंचन और विधिविधान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। लाइट, साउंड, मंच सज्जा और सुविधा व्यवस्थाओं में समय के अनुसार आधुनिक परिवर्तन जरूर होते हैं। टेलीविजन और मोबाइल के दौर में भी यहां की रामलीला मंचन का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।

रामलीला समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सबसे पहले रामलीला करीब 500 वर्ष पूर्व अयोध्या में शुरू हुई थी। उसके बाद काशी और फिर 455 वर्ष पहले राजा बसंत राव ने बरेली में रामलीला की शुरुआत की थी। 18 दिन तक संगीतमय रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामलीला के अंतर्गत शिव-पार्वती विवाह से लेकर श्रीराम भरत मिलाप और राजतिलक का मनमोहक मंचन किया जाता है। इस रामलीला की विशेषता यह है कि मुख्य रूप से चौधरी तालाब से शुरू होने वाली रामलीला का मंचन बड़ा बाग और गुलाब नगर स्थित रानी साहब फाटक पर भी धूमधाम से किया जाता है।

बेगूसराय के कलाकार करेंगे मंचन
प्राचीन समय से चल रही रामलीला में अब तक प्रदेश के अयोध्या, लखनऊ, गोरखपुर सहित कई जनपदों के कलाकार अपनी अदाकारी की अनोखी छटा बिखेर चुके हैं। इस बार बिहार के बेगूसराय जिले के 26 कलाकार रामलीला का मनमोहक मंचन करेंगे ।

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