बहराइच: उल्टी और दस्त से ग्रसित मासूम पहुंच रहे जिला अस्पताल, मरीजों को नहीं खाली मिल रहा बेड

बहराइच: उल्टी और दस्त से ग्रसित मासूम पहुंच रहे जिला अस्पताल, मरीजों को नहीं खाली मिल रहा बेड

बहराइच। तराई में बदल रहा मौसम बच्चों पर भारी पड़ रहा है। प्रतिदिन जिला अस्पताल में 250 से 300 के बीच मासूम रोगियों की ओपीडी चिकित्सक कर रहे हैं। इसमें 15 से मासूम रोगी अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। जनपद में इस समय गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। गर्मी से बड़े …

बहराइच। तराई में बदल रहा मौसम बच्चों पर भारी पड़ रहा है। प्रतिदिन जिला अस्पताल में 250 से 300 के बीच मासूम रोगियों की ओपीडी चिकित्सक कर रहे हैं। इसमें 15 से मासूम रोगी अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। जनपद में इस समय गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। गर्मी से बड़े और बच्चे सीजनल बुखार की चपेट में आ रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज से संबद्ध महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय के बाल रोग विभाग में मासूम रोगी बीमारी से तड़प रहे हैं। बेतहाशा गर्मी की वजह से तरह-तरह की बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। भयंकर गर्मी की वजह से पेट में दर्द उल्टी, दस्त, ऐठन, सीजनल बुखार जैसी कई तरह की बीमारी के चलते बेड पूरी तरह से फुल हो गए हैं।

चिल्ड्रन वार्ड में बड़े पैमाने पर बच्चे बीमार होकर आ रहे हैं/ बच्चों के भीतर डायरिया और बुखार जैसी बीमारी देखकर परिजन परेशान भी हो रहे हैं। हालांकि इन बीमारियों को लेकर जिला अस्पताल प्रशासन पहले से ही तैयार करने में जुटा हुआ है। अस्पताल के सीएमएस एमएम त्रिपाठी का कहना है कि 500 बेड वाले अस्पताल में मरीजों की आमद को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा सके जिसके लिए सभी चिकित्सकों को मुस्तैद किया गया है।इन जिलों के आते हैं मरीज
आपको बता दें कि जनपद बहराइच के जिला अस्पताल में श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा एवं नेपाल के मरीज इलाज करवाने आते हैं। इस वजह से देवीपाटन मंडल के इकलौते इस अस्पताल में मरीजों की आमद सबसे अधिक देखने को मिलती है।

कोई गोद में तो तख्त पर दे रहा ड्रिप
जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि वार्ड में कोई अपने बच्चे को गोद में तो कोई तख्त पर ड्रिप दे रहा है। ऐसे में अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों पर सवाल उठ रहे हैं।

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