बरेली: 15 साल से कम उम्र के बच्चे भी झेल रहे टीबी का दंश, RPTMU की रिपोर्ट से खुलासा
टीबी रोगियों के मामले में जिला मंडल में पहले तो बदायूं दूसरे स्थान पर

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अंकित चौहान, बरेली। 15 साल से कम उम्र के बच्चे तेजी के साथ टीबी यानी क्षय रोग की गिरफ्त में आ रहे हैं। रिजनल टीबी प्रोग्रेमेटिक मैनेजमेंट यूनिट (आरपीटीएमयू) की रिपोर्ट भी यही कह रही है। मंडल में ऐसे 3710 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं। विभागीय अफसरों के अनुसार पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है।
वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग मिटाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वे चौंका रहे हैं। बड़ों के साथ कम उम्र के बच्चों की बड़ी तादाद टीबी रोगियों के रूप में सामने आई है। मंडल में टीबी रोगियों के मामले में जिला पहले स्थान पर है। दूसरा नंबर बदायूं का है। जबकि पीलीभीत में सबसे कम टीबी रोगी हैं।
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में जनवरी से दिसंबर तक जिले में 19145, बदायूं में 10042, पीलीभीत में 4591 और शाहजहांपुर में 10366 मरीज चिह्नित किए थे। 2024 में जनवरी से अप्रैल तक जिले में 7426, बदायूं में 3737, पीलीभीत में 1695 और शाहजहांपुर में 3760 टीबी रोगी सामने आ चुके हैं।
बच्चों में टीबी होने का मुख्य कारण
वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. सुदीप सरन के अनुसार बड़ों की तुलना में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस वजह से वे बहुत जल्द संक्रमण की चपेट में आते हैं। बच्चों की टीबी होने का प्रमुख कारण यह भी है कि अगर घर में किसी सदस्य को टीबी है तो बच्चे उसके संपर्क में आते हैं तो उन्हें भी टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए परिजनों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हर साल टीबी रोगियों को चिह्नित किया जा रहा है। मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए निगरानी की जा रही है---डॉ. एके चौधरी, नोडल अधिकारी, आरटीपीएमयू, बरेली।
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