बरेली: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट नहीं दे पा रहा जरी को ऊंची उड़ान

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने के बावजूद जरी-जरदोजी के काम को अब तक न प्लेटफार्म मिल पा रहा है और न ही उसके उत्पादन से लेकर उनकी बिक्री तक की कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई। जबकि, अधिकारियों ने जरी कारीगरों को यह सुविधाएं दिलाने का दावा किया था। तमाम उठा-पठक के …
बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने के बावजूद जरी-जरदोजी के काम को अब तक न प्लेटफार्म मिल पा रहा है और न ही उसके उत्पादन से लेकर उनकी बिक्री तक की कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई। जबकि, अधिकारियों ने जरी कारीगरों को यह सुविधाएं दिलाने का दावा किया था। तमाम उठा-पठक के बाद भी धरातल पर कोई काम नहीं उतरा। शहर में बनने वाले हैंडीक्राफ्ट प्रमोशन सेंटर के इंतजार में कारीगरों ने अब आश छोड़ दी है।
2018 में हैंडीक्राफ्ट सेंटर को करीब बारह हजार वर्ग मीटर की जमीन पर बसाए जाने की योजना बनी थी। इसके लिए जमीन जिला उद्योग केंद्र के पास चिह्नित की गई। इस सेंटर पर जरी, मांझा और सुरमा उद्योग के विकास के लिए खोलने से लेकर सेंटर में कई आधुनिक तकनीक कुशल कारीगरों को सिखाई जाने की बात कही गई थी।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हैंडीक्राफ्ट प्रमोशन सेंटर के लिए 48 करोड़ रुपये की रूपरेखा तैयार की गई। इस प्रोजेक्ट से दो लाख कारीगर को जोड़ने की बात भी कही गई थी। यह काम जल्द हो सके, इसके लिए हैंडीक्राफ्ट सेंटर को विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट की टीम को प्रोजेक्ट को बेहतर करने के लिए लगाई गई। टीम ने बरेली आकर मौका मुआयना कर अपनी रिपोर्ट दी थी। दावा था कि जरी के लिए डिजाइन रिसर्च, कौशल विकास केंद्र, आधुनिक डिजाइन विकास, नई तकनीक की जानकारी के लिए सेंटर खोले जाएंगे। सेंटर में कारीगरों की मेहनत नजर आएगी और उनके उत्पादों की प्रदर्शनी, निर्यात, देश के अंदर व्यापार के लिए भी सहयोग किया जाएगा।
सीईओ बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी अभिषेक आनंद ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों में सबसे बड़ा है। तमाम प्रक्रिया चल रही है।
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