बाराबंकी: हड़ताल पर बैठे एंबुलेंसकर्मियों से प्रशासन ने ली चाबी, 4 नेता गिरफ्तार

बाराबंकी। बाराबंकी में एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा जारी हड़ताल को देखते हुए और कोरोना काल में प्रभावित हो रही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिये सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुऐ काम पर नहीं लौटने वालों से चालको से चाबियां वापस लेने के आदेश जारी कर दिये। जिसके बाद जिला प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुऐ …
बाराबंकी। बाराबंकी में एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा जारी हड़ताल को देखते हुए और कोरोना काल में प्रभावित हो रही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिये सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुऐ काम पर नहीं लौटने वालों से चालको से चाबियां वापस लेने के आदेश जारी कर दिये। जिसके बाद जिला प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुऐ पुलिस बल के साथ पहुंच कर एम्बुलेंस कर्मियों से बात करते हुऐ काम पर लौटने की बात रखी। ऐसा नहीं करने वालों से एम्बुलेंस की चाबियां वापस ले ली गयी।
प्रदेश सरकार के सख्त आदेश के बाद एम्बुलेंस कर्मियों से चाबी वापस लिये जाने को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी रामजी वर्मा और जीवीके-ईएमआरटी कंपनी के अधिकारी पुलिस बल के साथ अपनी मांगो पर अड़े एम्बुलेंस कर्मियों से चाबी लेने ऑडिटोरियम पहुँचे। यहां पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने एम्बुलेंस यूनियन के नेताओं से काम पर वापस लौटने की बात रखी, ज़ब नहीं माने तो सबकी चाबियाँ जमा कराने का कार्य शुरू हो गया। 108 में लगी 36, 102 सेवा में 44 और एएलएक्स जो सबसे वीआईपी सेवा है जो मरीजों को जिले से लखनऊ ले जाने के काम आती है की 4 इस प्रकार कुल 84 में 38 एम्बुलेंस की चाबियाँ जमा करायी गयी।
इस दौरान एम्बुलेंस यूनियन के चार नेताओं की गिरफ़्तारी हुई। गिरफ्तार किये गये जिलाध्यक्ष योगेश लोधी, महामंत्री दिलीप कुमार, संगठन मंत्री कृष्ण कुमार यादव व उपाध्यक्ष उदयभानु को एम्बुलेंस कर्मियों को भड़काने के मामले में गिरफ्तार किया गया। वहीं अपने लीडर को गिरफ्तार किये जाने से आक्रोशित एमटी दीपचंद और आनंद मिश्रा ने भी अपनी गिरफ़्तारी दी। इससे पूर्व गुरुवार सुबह एम्बुलेंस कर्मियों ने टीवी एस. के. रेड्डी का पुतला फूंक कर अपना रोष प्रकट किया था।
एम्बुलेंस कर्मियों के रोष की असली वजह
एम्बुलेंस के ईएमटी और पॉयलेटो ने संयुक्त रूप से वेतन वृद्धि जिसे जून से बढ़ाये जाने का कम्पनी द्वारा वादा किया गया था, उसे लागू नहीं करना। समय पर सेलरी नहीं मिलना, श्रम विभाग में हुऐ समझौते और एएलएक्स के एक हज़ार कर्मचारियों को निकाले जाना ही विरोध का मुख्य कारण है।
पुलिस सुरक्षा के बीच बहाल होगी सेवा
एम्बुलेंस यूनियन के नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद काम पर नहीं लौटने वालों से एम्बुलेंस की चाबियाँ जमा कराया जाना शुरू कर दिया गया। इस दौरान सभी ईएमटी और पॉयलेटो को ऑडिटोरियम में रोके रखा गया था। नये चालक और ईएमटी को एम्बुलेंस की जिम्मेदारी सौपी जा रही थी जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल की जा सके।