बरेली: डेढ़ साल से एमएसटी बंद, दैनिक यात्री परेशान

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के चलते देश में ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था। इसके बाद रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाकर केवल आरक्षित श्रेणियों के लिए यात्रा की अनुमति दी गई थी। सेकेंड सिटिंग में भी आरक्षित श्रेणी को ही यात्रा की अनुमति थी। हालांकि अब रेलवे द्वारा कई अनारक्षित मेल/एक्सप्रेस विशेष रेलगाड़ियों …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी के चलते देश में ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था। इसके बाद रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाकर केवल आरक्षित श्रेणियों के लिए यात्रा की अनुमति दी गई थी। सेकेंड सिटिंग में भी आरक्षित श्रेणी को ही यात्रा की अनुमति थी।

हालांकि अब रेलवे द्वारा कई अनारक्षित मेल/एक्सप्रेस विशेष रेलगाड़ियों को अनुमति दी गई है लेकिन एमएसटी से सफर करने वालों के लिए अब भी बड़ी समस्या है। एमएसटी शुरू नहीं होने से दैनिक यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो दूसरे शहरों की तरफ आवागमन तेजी से बढ़ा है।

महानगर से प्रतिदिन बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोग मुरादाबाद, चंदौसी, रामपुर, शाहजहांपुर आदि जाते हैं। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो लाकडाउन से पहले एमएसटी यानी मासिक सीजन टिकट पर ट्रेन से रोजाना आवागमन करते थे। लेकिन इन दैनिक यात्रियों को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ रही है। वित्तीय वर्ष 2019-2021 के आंकड़ों के मुताबिक बरेली जंक्शन पर सालाना 8685 और औसतन प्रतिमाह 724 एमएसटी बनती थी। मगर वित्तीय वर्ष 2020-21 से मौजूदा समय तक यह आंकड़ा शून्य है। कारण रेलवे ने एमएसटी की सुविधा को बंद कर रखा है।

महानगर के शाहजहांपुर में एक सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी की एजेंसी चलाने वाले बलदेवराज बत्रा बताते हैं कि पहले शाहजहांपुर जाने के लिए तीन महीने की एमएसटी 960 रुपये में बनवाते थे मगर अब एक दिन का 60 रुपये रिजर्वेशन पर खर्च कर जाना पड़ता है। कई बार जाने के लिए कार का इस्तेमाल करते हैं, जिससे 450 रुपए की तो सीएनजी खर्च हो जाती है।