लापरवाही से खतरा

दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर फैली हुई है और स्थिति खतरनाक बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना का नया स्वरूप ‘डेल्टा’ अभी 104 देशों में फैल चुका है और इसके जल्द पूरी दुनिया में सबसे हावी स्वरूप बनने की आशंका है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में गिरावट …
दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर फैली हुई है और स्थिति खतरनाक बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना का नया स्वरूप ‘डेल्टा’ अभी 104 देशों में फैल चुका है और इसके जल्द पूरी दुनिया में सबसे हावी स्वरूप बनने की आशंका है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में गिरावट के साथ ही मृतकों का दैनिक आंकड़ा फिर दो हजार के पार पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना उचित ही है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर अपने आप दस्तक नहीं देगी बल्कि लापरवाही और ढिलाई इसका कारण बन सकती है। जहां तक संभव हो हमें भीड़ भाड़ से बचना होगा।
कोरोना की दूसरी लहर के लिए कुंभ और राज्यों के चुनाव सुपर स्प्रेडर (वायरस के तेज संक्रमण का मुख्य कारण) साबित हुए हैं। अब फिर लोगों में लापरवाही देखने को मिल रही है। जिस तरह सार्वजनिक स्थानों और तीर्थस्थलों में भीड़ उमड़ रही है, उससे ये सब तीसरी लहर के लिए सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते हैं।
दुखद है कि जब तीसरी लहर की संभावना बनी है, सरकार और जनता दोनों लापरवाह हैं। पर्यटन या धार्मिक तीर्थयात्रा को खोलना और बिना टीका लगवाए लोगों को सार्वजनिक, सामूहिक समारोहों में जाने की अनुमति देना कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के लिए संभावित सुपर स्प्रेडर है। उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा को अनुमति देने पर विचार कर रही है। जबकि आईएमए की उत्तराखंड यूनिट ने कहा कि ऐसा करने से कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है।
कांवड़ यात्रा तकरीबन 15 दिन तक चलती है। जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लाखों कांवड़िए हरिद्वार में जमा होते हैं। विशेषज्ञों ने पिछले 15 महीने के डेटा का अध्ययन करने के बाद अनुमान लगाया है कि कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। साथ ही आईएमए ने कहा है कि देश में तीसरी लहर आना तय है और इसे टाला नहीं जा सकता। जीवन बचाने के लिए मास्क एवं वैक्सीन लगाना जरुरी है।
उधर वैक्सीन को लेकर अभी भी लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार प्रदेश में 10 प्रतिशत लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं जबकि अन्य राज्यों में 15-20 प्रतिशत लोग हैं, जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते। ऐसे में समझना होगा कि जितनी लापरवाही होगी उतना ही कष्ट होगा। सरकार की ओर से तीसरी लहर से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान को लगातार बढ़ाते रहने की जरूरत है।