बरेली: ई-कवच ऐप बताएगा बच्चा कुपोषित है या नहीं

बरेली: ई-कवच ऐप बताएगा बच्चा कुपोषित है या नहीं

बरेली, अमृत विचार। कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। अब उनकी सटीक पहचान के लिए ई कवच एप लांच किया गया है। इसके माध्यम से बच्चों की स्क्रीनिंग कर कुपोषण की श्रेणी का पता लगाया जाएगा। साथ ही कुपोषित बच्चों का डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर ही दर्ज होगा। …

बरेली, अमृत विचार। कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। अब उनकी सटीक पहचान के लिए ई कवच एप लांच किया गया है। इसके माध्यम से बच्चों की स्क्रीनिंग कर कुपोषण की श्रेणी का पता लगाया जाएगा। साथ ही कुपोषित बच्चों का डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर ही दर्ज होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में करीब 30 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण की श्रेणी में हैं। वहीं 3570 बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में हैं।

जिले में अभी तक आशा आगंनबाड़ी गांव में घर-घर जाकर ऐसे बच्चों का पता लगाती थीं, जो कुपोषित होते थे। उनकी पहचान के लिए सब सेंटर पर लाकर उनकी लंबाई, बाजू की चौड़ाई और वजन किया जाता था। यह प्रक्रिया पहले मैनुअल होती थी, जिसमें दिक्कत आती थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब शासन ने कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए ई कवच एप लांच किया है। कोरोना के चलते यह लागू नहीं हो सका था। अब इसकी शुरुआत के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

इस एप से एएनएम कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगी। आशा आगंनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषण के लक्षण वाले बच्चों को चिह्न्ति कर सब सेंटर ले जाएंगी। जहां एएनएम पहले उनका वजन करेंगी फिर लंबाई-चौड़ाई नापेगी। इसके बाद ई-कवच एप पर बच्चे की पूरी डिटेल अपलोड करेंगी। डिटेल भरने के बाद एप बच्चें के कुपोषण और अति कुपोषण के बारे में जानकारी देगा।

साथ ही यह डाटा अपने आप ही पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा। अगर बच्चा अतिकुपोषित की श्रेणी में निकलेगा तो इसका डाटा एनआरसी में पहुंच जाएगा। बच्चों को वहां आशा परिवार वालों की सहमति पर भर्ती कराएंगी। एएनएम की ट्रेनिंग कराई जानी है। इसके बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।