प्रतापगढ़: अस्पताल में काम कर रही युवती की मौत पर बवाल, पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो हुआ पथराव...सीओ सहित 13 लोग घायल

रानीगंज/ प्रतापगढ़, अमृत विचार: प्रतापगढ़ जिले में रानीगंज थाना क्षेत्र के दुर्गागंज स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत युवती की बृहस्पतिवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से आक्रोशित भीड़ ने शुक्रवार को प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी भांजी तो ग्रामीण उग्र हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें सीओ समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
युवती की मौत से परिजन रो-रो कर बेहाल रहे। मृतका की मां के तहरीर पर अस्पताल संचालक, डॉक्टर सहित छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। शव के पोस्टमार्टम में मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। देर शाम गांव में ही युवती का शव दफनाया गया।
रानीगंज के दुर्गागंज बाजार के समीप एक गांव की 21 वर्षीय युवती मां मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पर काम करती थी। उसकी रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई। परिजनों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया। इसको लेकर परिजनों के साथ आक्रोशित भीड़ अस्पताल पर प्रदर्शन करने लगी। शव को सड़क पर रखकर जाम लगाने का प्रयास किया। एसओ रानीगंज आदित्य सिंह जाम हटवाने का प्रयास किया तो प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहासुनी भी हुई। भीड़ का उग्र रूप देख सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी समेत आसपास के कई थानों की फोर्स बुला ली गई।

भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी समेत 11 पुलिसकर्मी व दो अन्य घायल हो गए। घटना के बाद पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह, एसपी डा. अनिल कुमार पहुंचे। किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराया।
मृतका की मां की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल संचालक, डा. अमित पांडेय, सुनील कुमार, विद्या सागर, शहबाज व मनोरमा देवी के खिलाफ पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, दलित उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया। महिला डॉक्टर सहित मेडिकल पैनल की निगरानी में पोस्टमार्टम कराया गया। मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। शव को देर शाम गांव में ही दफनाया गया।

हटाए जाएं एसओ व चौकी इंचार्ज, सौंपा मांगपत्र
मृतका की दिव्यांग मां ने शव के अंतिम संस्कार के बाद डीएम को संबोधित आठ सूत्रीय मांगपत्र एसडीएम रानीगंज दीपक वर्मा को सौंपा। जिसमें एसओ रानीगंज व चौकी इंचार्ज को तत्काल हटाने, आवास, आर्थिक मदद, जमीन, एफटीसी कोर्ट के मामले की सुनवाई सहित मांगें शामिल रहीं।
सीओ समेत 11 पुलिसकर्मियों ने कराया मेडिकल
पथराव व लाठीचार्ज के बीच घायल सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी के अलावा पुलिसकर्मियों ने मेडिकल कराया। जिसमें एसआई सुरेंद्र यादव, अमित कुमार सिंह, चौकी प्रभारी दुर्गागंज रोहित यादव, एसओ रानीगंज आदित्य सिंह, सिपाही कमलेश सिंह, राजेश सिंह, शिवकुमार सिंह, पवन कुमार, मनोज कुमार, हरिओम शामिल रहे।
बवाल के बाद बाजार में सन्नाटा, मरीजों को किया गया शिफ्ट
युवती की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। बवाल के बाद दुर्गागंज बाजार में सन्नाटा छा गया। कुछ ही देर में सारी दुकानें बंद हो गईं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्पताल के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं बवाल के मद्देनजर एसपी डा. अनिल कुमार की मौजूदगी में पुलिस अस्पताल में दाखिल हुई। वहां भर्ती मरीजों को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज भेजवाया गया।
विधायक की एसओ से झड़प, परिजनों को बंधाया ढांढस
अस्पताल में काम करने वाली युवती से गैंगरेप व संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सूचना पर रानीगंज के सपा विधायक डा. आरके वर्मा दुर्गागंज बाजार पहुंचे। लाठीचार्ज को लेकर एसओ रानीगंज आदित्य सिंह से झड़प भी हो गई। एएसपी पूर्वी दुर्गेश सिंह ने एसओ को समझाया। विधायक ने परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया। मौके पर मौजूद एसपी डा. अनिल कुमार से मिलकर घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही।

सोशल मीडिया पर छाया रहा मामला, निशाने पर रही पुलिस
निजी अस्पताल में काम करने वाली युवती की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला दिन भर सोशल मीडिया पर छाया रहा। पथराव व लाठीचार्ज को लेकर लोग पुलिस को दोषी बताते रहे।
गुरुवार की रात अस्पताल में युवती के मौत की खबर मिली थी। मृतका की मां की तहरीर के आधार पर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अस्पताल संचालन से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। वीडियोग्राफी के बीच चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट के आधार और साक्ष्यों को संकलित कर दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी- डा. अनिल कुमार, एसपी प्रतापगढ़
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