बरेली: पार्षद को अशोभनीय बात कहने पर बोर्ड बैठक में हंगामा

बरेली, अमृत विचार। आईएमए हाल में गुरुवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कुछ पार्षदों ने प्रदर्शन करते हुए बैठक शुरू होने से रोक दी। पार्षद एक दिन पहले वारयल हुए उस ऑडियो को लेकर नाराजगी जता रहे थे, जिसमें सफाई निरीक्षक विवेक कुमार और सुपरवाइजर पंकज के बीच कहासुनी हुई …
बरेली, अमृत विचार। आईएमए हाल में गुरुवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कुछ पार्षदों ने प्रदर्शन करते हुए बैठक शुरू होने से रोक दी। पार्षद एक दिन पहले वारयल हुए उस ऑडियो को लेकर नाराजगी जता रहे थे, जिसमें सफाई निरीक्षक विवेक कुमार और सुपरवाइजर पंकज के बीच कहासुनी हुई थी।
इस ऑडियो में पार्षद राजकुमार गुप्ता के लिए अशोभनीय बात भी कही गई थी। हंगामा कर रहे पार्षदों का कहना था कि जब जनप्रतिनिधियों का मान-सम्मान ही ताक पर है तो बैठक करने से क्या औचित्य है। बाद में नगर आयुक्त ने पार्षदों को आश्वस्त किया कि शासन स्तर से जब तक कार्रवाई नहीं होती, सफाई निरीक्षक से वार्डों को छीनकर उसे नगर निगम में संबद्ध कर दिया जाएगा।
बोर्ड बैठक होने के एक दिन पहले सफाई निरीक्षक विवेक कुमार और सुपरवाइजर पंकज के बीच कहासुनी के वायरल ऑडियो में सफाई निरीक्षक ने सुपरवाइजर से कहा कि तुमको मेंबर नहीं बचा पाएगा। इस वार्ता में वार्ड 44 मलूकपुर के पार्षद राजकुमार गुप्ता को लेकर भी अशोभनीय बातें के अलावा कई अधिकारियों के लिए भी अनुचित शब्दों का प्रयोग किया गया था। इस ऑडियो में पार्षद को लेकर आपत्तिजनक बात कहने से कई पार्षदों में काफी नाराजगी थी।
इसलिए गुरुवार को आईएमए हाल में पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही नगर निगम बोर्ड की बैठक शुरू तो पार्षद संजय राज, राजकुमार गुप्ता, अतुल कपूर, सतीश चंद्र मम्मा, मुनेंद्र यादव, छंगामल सहित अन्य पार्षद मेयर डॉ. उमेश गौतम व नगर आयुक्त अभिषेक आनंद के सामने बैठ गए और हंमागा व प्रदर्शन करते हुए बैठक को शुरू होने से रोक दिया। इसकी वजह से बोर्ड की कार्रवाई भी काफी देर तक आगे नहीं बढ़ सकी।
पार्षदों का कहना था कि इस मामले में सफाई विवेक कुमार पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो जब पार्षदों का जब सम्मान ही नहीं है तो बैठक करने से भी कोई फायदा नहीं है। नगर आयुक्त ने पार्षदों को समझाने की कोशिश की कि यह रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है लेकिन पार्षदों का कहना था कि जब तक शासन कार्रवाई करता, जब तक सफाई निरीक्षक से वार्ड छीनकर उन्हें तत्काल नगर निगम कार्यालय में अटैच कर देना चाहिए। नगर आयुक्त के आश्वस्त करने के बाद पार्षदों का गुस्सा शांत हुआ। उसके बाद बोर्ड की बैठक की कार्रवाई आगे बढ़ सकी।