एक मिनट की आवाज से चल जाएगा कैंसर का पता, देश में पहली बार ICMR से अप्रूव हुई यह रिसर्च
.jpg)
कानपुर, अमृत विचार। देश में पहली बार मुंह, गले और ब्रेन कैंसर की जांच सिर्फ मरीज की आवाज के माध्यम से हो सकेगी। एआई आधारित सिस्टम से ऐसा संभव होगा। इसके लिए मरीज को अस्पताल आने की भी जरूरत नहीं होगी। मरीज चाहे 200 किलोमीटर दूर हो या 500 किलोमीटर दूर, उसकों सिर्फ अपनी एक मिनट की रिकॉर्डेड आवाज गूगल ड्राइव के माध्यम से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में संबंधित डॉक्टर के मोबाइल पर भेजनी होगी। यहां से आवाज का सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजा जाएगा। इसके कुछ समय बाद पता चल जाएगा कि मरीज को कैंसर है या नहीं। यह स्टडी वर्तमान में चल रही है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के हैलट अस्पताल के नाककान व गला विभाग में देश की पहली रिसर्च की जा रही है। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि देश में पहली बार यह रिसर्च आईसीएमआर से अप्रूव हुई है, जिसपर नाक, कान व गला विभाग के डॉक्टरों द्वारा काम किया जा रहा है। आवाज को पूरी तरह डायग्नोस करने के बाद सिस्टम कैसर और नॉन कैंसर को पूरी तरह स्पष्ट करेगा। एआई एनेबल सिस्टम आवाज की फ्रीक्वेंसी की जांच करेगा और फ्रीक्वेंसी को स्पेट्रम में तोड़कर सभी स्पेट्रम की जांच होगी। कैंसर की जानकारी मिलने पर मरीज का इलाज शुरू किया जाएगा। संबंधित मरीज को कैसर की आशंका आगे चलकर हो सकती है, यह भी सिस्टम के माध्यम से पता चल सकेगा।
कैंसर की वजह से गड़बड़ाने लगते हैं वोकल कार्ड
हैलट के नाक-कान व गला विभाग में प्रोफेसर डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि गले या मुंह में कैंसर होने पर गले में मौजूद वीकल कार्ड (बोलने में सहायक तार) की स्थिति गड़बड़ाने लगती है. जिससे आवाज में बदलाव आने लगता है। मरीज की आवाज की जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से जयपुर मणिपाल यूनिवसिटी भेजा जाएगा, वहां पर स्थित आर्टिशियल इंटेलिजेशन विभाग के प्रो. अभिषेक के सवानी आवाज की जांच करेंगे और कैंसर और नॉन कैसर की जानकारी देंगे। थायराइड, लकवा, हेड इंजरी व गर्दन की इजरी व रीढ़ की हड्डी में होने वाली समस्या की भी जानकारी इसके माध्यम से पता बल सकेगी।
35 मरीजों की आवाज जयपुर भेजी गई
नाक-कान व गला विभाग की हैं. नेहा बौधरी ने बताया कि ओपीडी में ऐसे कई मरीज आते हैं, जिनकी खाना निगलने में दिक्कत, आवाज में बदलाव आना व सांस लेने में दिक्कत होती है। यह ध्वनि यंत्र में दिक्कत की वजह से भी होती है। कैंसर के संभावित 35 मरीजों की आवाज जयपुर भेजी गई है, जिनमें 25 पुरुष और 10 महिलाएं शामिल है। इनके बॉयस सैंपल पर रिसर्च बल रही है।