यूपी: रिवर फ्रंट घोटाला: 11 इंजीनियर व 4 ठेकेदार रडार पर, बीजेपी विधायक से भी होगी पूछताछ

लखनऊ। सपा सरकार में हुए हाईप्रोफाइल गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में संतकबीरनगर जिले से सत्ताधारी दल के विधायक, 11 इंजीनियर और चार ठेकेदार सीबीआई की रडार पर हैं, जिनसे सीबीआई पूछताछ करने वाली है। करोड़ों के रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई जानना चाहती है कि कमीशनखोरी की रकम की बंदरबांट किस स्तर पर …
लखनऊ। सपा सरकार में हुए हाईप्रोफाइल गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में संतकबीरनगर जिले से सत्ताधारी दल के विधायक, 11 इंजीनियर और चार ठेकेदार सीबीआई की रडार पर हैं, जिनसे सीबीआई पूछताछ करने वाली है। करोड़ों के रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई जानना चाहती है कि कमीशनखोरी की रकम की बंदरबांट किस स्तर पर की गई। प्रदेश के राजधानी लखनऊ के मध्य से होकर बहने वाली गोमती नदी के सौंदर्यीकरण के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट इंजीनियरों से बनाने को कहा था। प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद उसे अमलीजामा पहनाने के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की।
ताज्जुब वाली बात है कि करीब 1437 करोड़ रूपये इंजीनियरों और ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत से खर्च हो गये। बावजूद इसके 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया। सपा की सरकार जाने के बाद वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत मिली। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में ही बदलाव कर दिया गया था। पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 800 टेंडर निकाले गए थे। फलस्वरूप आयोग की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की योगी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी।
सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़े इंजीनियरों और ठेकेदारों के 40 से अधिक ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे तो हड़कंप मच गया। सर्वाधिक चर्चा सत्ताधारी दल के संतकबीरनगर जिले से विधायक राकेश सिंह बघेल को लेकर हो रही है। बताया जाता है कि गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य में जुटी ठेका कंपनियों के साथ उनकी पार्टनरशिप थी। इसके अलावा इटावा के ठेकेदार पुनीत अग्रवाल, सपा सरकार के करीबी रहे ठेकेदार नितिन गुप्ता, सिंचाई विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर शिवमंगल यादव, रूप सिंह यादव समेत 11 इंजीनियर और 4 ठेकेदार सीबीआई के राडार पर हैँ।
चुनावी साल में सक्रिय हुई सीबीआई
लखनऊ। गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच के आदेश तो करीब चार साल पहले ही दे दिये गये थे। मगर अब जब विधानसभा चुनाव 2022 के होने में कुछ ही महीने बचे तो सीबीआई पूरी तरह से सक्रिय हुई है और ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे में लोगों का कहना है कि चुनावी साल में गोमती रिवर फ्रंट का मामला गरम करने से किसका फायदा होगा। यह जगजाहिर है।
… तो शिवपाल को है घेरने की तैयारी
लखनऊ। राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले बताते हैं कि सपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रीमंडल में चाचा शिवपाल यादव के पास पीडब्लूडी, सिंचाई और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव 2022 में चाचा शिवपाल और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश की चुनावी नजदीकियां बढ़ने के पूरे आसार हैं तो उसका असर तो देखने को मिलेगा ही।