बरेली: बेटियों के साथ कैसा न्याय, लोकलाज की चिंता या लालन-पालन का बोझ
बरेली, आसिफ अंसारी। शहर से लेकर देहात तक नवजात बच्चियों को फेंकने का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोई बिन ब्याही मां लोकलाज के कारण तो कोई मां बच्ची का जन्म होने पर उसके लालन-पालन को बोझ समझते हुए फेंक देती है। घटनाओं की बात करें तो दो साल में पांच बच्चियां जीवित अवस्था में …
बरेली, आसिफ अंसारी। शहर से लेकर देहात तक नवजात बच्चियों को फेंकने का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोई बिन ब्याही मां लोकलाज के कारण तो कोई मां बच्ची का जन्म होने पर उसके लालन-पालन को बोझ समझते हुए फेंक देती है। घटनाओं की बात करें तो दो साल में पांच बच्चियां जीवित अवस्था में खेतों में मिली हैं।
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जिस मां ने गर्भ में नौ माह तक बच्ची को पाला, फिर उसने अपने कलेजे के टुकड़े को किन मजबूरियों में हमेशा के लिए दूर कर दिया। समाज अगर नवजातों को फेंकने वालों को कोस रहा है तो अपनाने वालों को सम्मान और प्रशंसा भरी नजरों से भी देख रहा है। अक्टूबर, 2019 में सप्ताह भर में ही चार नवजात को फेंकने का मामला सामने आया था। इनमें से दो खुश किस्मत थे, जिन्हें जीवन मिला। दो का कुरीतियों और लापरवाही में दम घुट गया।
नजीर बनी बिन ब्याही मां
फरीदपुर क्षेत्र की एक किशोरी बिन ब्याही मां बनी। समाज और पारिवारिक परिस्थितियां ऐसी थीं कि वह बच्ची को अस्पताल में छोड़ घर चली गई लेकिन, ममता उसे वापस बच्ची तक खींचकर ले आई। बंदिशें तोड़कर बिन ब्याही मां बच्ची को अपनाकर नजीर बनी।
परवरिश कर ब्याही बेटी
फतेहगंज पूर्वी निवासी सावित्री देवी को खेत में एक बच्ची मिली थी। उन्होंने उसकी परवरिश की। पढ़ाया, लिखाया। उसके हाथ पीले किए। अब सावित्री उसी बेटी के बच्चों की नानी बन चुकी हैं। सावित्री जैसी मां समाज के लिए प्रेरणा हैं।
नवजात मिलने के मामले
- 24 फरवरी, 2015 इज्जतनगर क्षेत्र के सौ फुटा रोड पर एक नवजात बच्चे का शव मिला।
- 3 अक्टूबर, 2019 को खजुरिया घाट के पास मृत बच्चा मिला।
- 10 अक्टूबर, 2019 को सिटी श्मशान भूमि में गढ़े मटके में जीवित बच्ची मिली। जिसका विधायक पालन-पोषण कर रहे हैं।
- 15 अक्टूबर, 2019 को जिला अस्पताल के शौचालय में मृत नवजात मिला।
- 17 अक्टूबर, 2019 को मीरगंज के गांव नौगवां के खेत में बच्ची जीवित मिली।
- 28 जुलाई, 2020 को डेलापीर मंडी के पास एक पांच माह की बच्ची रोती हुई मिली।
- 21 जनवरी, 2021 सिरौली के हरदासपुर में दो दिन की नवजात खेत में मिली।