हल्द्वानी: सड़क से नहीं बल्कि अबकी बार रेलगाड़ी से आएगा जिले में कोरोना…

नरेन्द्र देव सिंह, हल्द्वानी। लॉकडाउन के साथ बाहरी राज्य से आने वाले लोगों के लिए भी नियम बनाए गए। जिसके तहत राज्य के अंदर वही बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जो आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आया हो, लेकिन यह नियम सड़क मार्ग से ही आने वालों पर लागू हो रहा है। रेल …
नरेन्द्र देव सिंह, हल्द्वानी। लॉकडाउन के साथ बाहरी राज्य से आने वाले लोगों के लिए भी नियम बनाए गए। जिसके तहत राज्य के अंदर वही बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर सकता है जो आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आया हो, लेकिन यह नियम सड़क मार्ग से ही आने वालों पर लागू हो रहा है। रेल से आने वाले लोगों के लिए कोई भी नियम नहीं है। जिस वजह से नैनीताल जिले में बाहरी राज्य से रोजाना सैकड़ों लोग बिना किसी आरटीपीसीआर जांच के ही पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड में दो माह पहले यह नियम बना दिया गया था कि वही बाहरी व्यक्ति प्रवेश करेगा जिसकी कोरोना की आरटीपीसीआर जांच निगेटिव हो। बाद में जब लॉकडाउन के नियमों में ढील दी गई तो बाहरी पर्यटकों का आना शुरू हुआ, लेकिन इसके साथ ही कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है। इधर, कई ट्रेनों का संचालन भी शुरू कर दिया गया। हल्द्वानी, रामगनर और लालकुंआ से रोजाना कई ट्रेन बाहरी राज्यों में जा रहीं हैं और रोजाना यात्रियों को लेकर आ रही हैं। इन ट्रेनों में यात्रा करने के लिए कहीं भी आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट का कोई भी नियम नहीं है। जिसकी वजह से बाहरी राज्य से कोरोना संक्रमण के आने का खतरा बना हुआ है।
जल्द शुरू होंगी सवारी गाड़ी
अभी एक्सप्रेस ट्रेनें चल रहीं हैं। अब पांच और छह जुलाई से रामनगर और काठगोदाम से सवारी गाड़ी भी चलने लगेंगी। इन सवारी गाड़ियों का संचालन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लिए किया जाएगा। इन ट्रेनों से भी रोजाना कई यात्रियों का आना-जाना होगा।
बसों पर रोक कायम
जब ट्रेनें चल रहीं हैं तब बसों पर रोक लगाना भी समझ से परे है। उत्तराखंड की बसें केवल राज्य के अंदर ही चल रहीं हैं। इसके अलावा यह बसें उत्तर प्रदेश की सीमा तक ही जाती हैं। इसके बाद सीमा पार करके बाहरी राज्य की बस पकड़नी पड़ती है।
पहली लहर के बाद होती थी जांच
कोरोना की पहली लहर के बाद जब ट्रेनों का संचालन दोबारा शुरू हुआ था, तब रेलवे स्टेशन पर बकायदा सभी यात्रियों की कोरोना जांच की जाती थी। इसके अलावा जिन यात्रियों के पास आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होती थी, उन्हें इस जांच से छूट दी जाती थी। इस बार दूसरी लहर कम होने के बाद जब ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तब इस तरह का कोई भी नियम नहीं अमल में नहीं लाया गया।
-जब इस मामले में सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी से बात की गई तो उन्होंने बाद में बात करने को कहा, हालांकि उनसे दोबारा संपर्क नहीं हो पाया।